OBC Mahasabha protested against the abolition of reservation

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    कल्याण. अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा (All India Kurmi Kshatriya Mahasabha) ने NEET (मेडिकल प्रवेश परीक्षा) से पिछड़ों के 27% आरक्षण को शासन द्वारा समाप्त करने एवं उत्तरप्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) द्वारा 69 हजार शिक्षक भर्ती में 27% के संवैधानिक आरक्षण के बदले मात्र 3.1% आरक्षण देने पर सभी वक्ताओं (Speakers) ने चिंता और नाराजगी व्यक्त की है। सरकार से मांग करते हुए महासभा के संरक्षक, वरिष्ठ समाज सेवी एवं सुप्रसिद्ध उद्योगपति जगदीश सिंह ने कहा कि “मंडल आयोग की संस्तुतियों के आधार पर पिछड़ों के उत्थान के लिए संविधान प्रदत्त 27% आरक्षण सभी प्रतियोगी परीक्षाओं एवं केंद्र व राज्य सरकार की नियुक्तियों में प्रदान किया जाये।

    अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश कुमार कटियार ने  राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) से ओबीसी का आरक्षण समाप्त करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया, महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ यू. पी. सिंह ने कहा कि सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों के विकास और सशक्तिकरण के लिए संविधान में अधिकार दिया गया है, इस तरह से आरक्षण को समाप्त करने के परिणाम स्वरूप पहले से ही पिछड़ा यह वर्ग राष्ट्रीय विकास की धारा से बहुत पीछे छूट जाएगा और प्रधानमंत्री मोदी का “सबका साथ सबका विकास” का वादा सिर्फ खोखला नारा बनकर रह जायेगा, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी एन.के.सिंह ने NEET के साथ-साथ 69 हजार शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले पर जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि शिक्षक भर्ती में ओबीसी के अभ्यर्थियों को उनके हक़ की न्यूनतम 27 % जगह मिलनी चाहिए, महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मानसिंह ने “2021 की जनगणना में ओबीसी की पृथक जनगणना की मांग करते हुए कहा कि जब तक प्रामाणिक संख्या नही मिलती तब तक अवसरों और संसाधनों का समानुपातिक बंटवारा नही किया जा सकता।”

    महाराष्ट्र कूर्मि क्षत्रिय महासभा अध्यक्ष डॉ.अमर बहादुर पटेल ने कहा कि अगर सरकार ओबीसी की मांगों को नही मानती तो आगामी सभी चुनावों में 57% पिछड़े वर्ग की नाराजगी और आक्रोश के कारण बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है, महासचिव प्रवीण कुमार कटियार, महाराष्ट्र के संरक्षक  जवाहर पटेल, महाराष्ट्र कूर्मि क्षत्रिय के कोषाध्यक्ष के. के. सिंह, सहसचिव  आर ए पटेल, संगठन मंत्री सुभाषचन्द्र सिंह, प्रचारमंत्री विजयबहादुर सिंह, प्रो.मार्कण्डे सिंह, डॉ शशिकला पटेल, युवा अध्यक्ष अजय पटेल, युवा महासचिव डॉ. सचिन सिंह आदि ने भी मेडिकल प्रवेश तथा नौकरियों में 27% आरक्षण सुनिश्चित करने की मांग करते हुए सरकार को सलाह दी कि उपरोक्त सभी मांगो को पिछड़ी जातियों के समावेशी विकास के लिए सहृदयतापूर्वक स्वीकार करें।