Economic crisis of farmers increased, distressed due to low price
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थोक में बिकी 38 से 42 रुपए किलो 

नवी मुंबई. केंद्र सरकार के द्वारा प्याज के निर्यात पर से पाबंदी हटाते ही इसकी कीमत में भारी उछाल आया है. जिसमें निर्यात की गुणवत्ता वाली प्याज का मुख्य रूप से समावेश है.वाशी स्थिति एपीएमसी की आलू-प्याज की मंडी में शनिवार को निर्यात की गुणवत्ता वाली प्याज 27 से 28 रुपए किलो में बेची गई थी. जबकि सोमवार को इसी गुणवत्ता वाली प्याज को थोक में 38 से 42 रुपए किलो में बेचा गया.

वाशी एपीएमसी की आलू-प्याज की मंडी में थोक में कारोबार कर रहे मनोहर तोतलानी ने नवभारत को बताया कि मौजूदा समय में किसानों के पास से निर्यात करने जैसी प्याज की कम आवक हो रही है. जिसकी वजह से निर्यात की गुणवत्ता वाली प्याज के दाम में भारी उछाल आया है. जिसका असर अन्य गुणवत्ता वाली प्याज की कीमत पर भी पड़ रहा है. जिसका फायदा प्याज की जमाखोरी करने वाले उठाने में लगे हैं.

नाफेड ने भेजी 30 गाड़ी प्याज 

मनोहर तोतलानी के अनुसार प्याज की कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा कदम उठाए गए हैं. सोमवार को वाशी स्थिति एपीएमसी में 73 गाड़ी प्याज की आवक हुई. जिसमें 25 से 30 गाड़ी प्याज नाफेड की थी.तोतलानी के मुताबिक सोमवार को सरकारी प्याज 25 से 35 रुपए किलो में बेचा गया. जबकि नंबर 1 की प्याज 32 से 37 रुपए किलो बेची गई है. वहीं नंबर 2 की प्याज 25 से 31, नंबर 3 की 20 से 24, नंबर 4 की 15 से19 व नंबर 5 की प्याज 10 से 14 रुपए किलो बेची गई. 

खुदरा बाजार में शुरू होगी लूट

थोक में निर्यात की गुणवत्ता वाली प्याज की कीमत में उछाल आने के बाद अब इसका फायदा खुदरा बाजार में प्याज बेचने वाले उठाना शुरू कर देंगे. बताया जाता है कि खुदरा में प्याज बेचने वाले 3 से 5 नंबर तक की प्याज को थोक मंडी से खरीदा करते हैं और इन तीनों को एक साथ मिलाया करतें हैं. जिसे खुदरा बाजार में 1 नंबर की प्याज की दर से ग्राहकों को बेचकर लूटने का काम करते हैं.

-राजीत यादव