भिवंडी. शासन की सभी संबंधित निकायों में विकास कार्यों के बाबत तालमेल का होना बेहद जरूरी है, बावजूद भिवंडी शहर में निर्माण हो रहे सीसी रोड, मेट्रो रेल परियोजना को लेकर भिवंडी मनपा, राष्ट्रीय महामार्ग सहित एमएमआरडीए में कोई भी तालमेल नहीं होने से करोड़ों रुपए पर पानी फिर रहा है.
शासन की एजेंसियों में तालमेल का पूर्णतया अभाव होने से शहर में एक तरफ आरसीसी मार्ग निर्माण हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ विकास कार्यों को लेकर आरसीसी मार्ग तोड़ा जा रहा है. विकास कार्यों में जुटी एजेंसियों में आपसी तालमेल का अभाव होने से शहरवासियों द्वारा गाढ़ी कमाई का भुगतान किया गया टैक्स का पैसा सड़कों पर गड्ढों के रूप में दिखाई पड़ रहा है जिसे लेकर शहरवासियों में घोर नाराजगी फैल रही है.
भिवंडी शहर स्थित अंजुरफाटा से कल्याण नाका तक आरसीसी मार्ग बनाए जाने हेतु सांसद कपिल पाटिल के प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय महामार्ग को निर्माण हेतु करीब 46 करोड़ की निधि प्रदान की गई थी. राष्ट्रीय महामार्ग द्वारा अंजुरफाटा से धामनकर नाका फ्लाईओवर तक आरसीसी मार्ग निर्माण कर आगे के मार्ग निर्माण हेतु फंड की कमी करार देते हुए हाथ झटक लिया गया था. मनपा प्रशासन द्वारा काफी जद्दोजहद के बाद कल्याण नाका से एसटी स्टैंड तक आरसीसी मार्ग बनाए जाने पर सहमति हुई जिसका निर्माण जारी है. आश्चर्यजनक तथ्य है कि ठाणे- भिवंडी- कल्याण से होकर जा रही मेट्रो 5 परियोजना का कार्य भी तेजी से शुरू है.
ठाणे से कशेली, अंजुरफाटा से धामनकर नाका ब्रिज तक आरसीसी मार्ग की बैरिकेडिंग कर मेट्रो रेल के पिलर खड़े किए जाने हेतु खुदाई का काम जोरों से शुरू है. करीब 1 वर्ष पूर्व ही राष्ट्रीय महामार्ग द्वारा निर्माण किया गया आरसीसी मार्ग आधा तोड़कर पिलर के गड्ढों के लिए खुदाई किये जाने का कार्य एमएमआरडीए द्वारा किया जा रहा है. एमएमआरडीए द्वारा उक्त खुदाई कार्य से करीब 18 मीटर का निर्मित आरसीसी मार्ग का कमोवेश आधा भाग बैरीकेट्स कर खुदाई की जा रही है ताकि मेट्रो पिलर को खड़ा किया जाए.
शहर के हजारों जागरूक शहरवासियों का कहना है कि जब कशेली से अंजूरफाटा, धामनकर नाका आरसीसी मार्ग के मध्य मेट्रो रेल के पिलरों का निर्माण होना था तो भिवंडी मनपा, राष्ट्रीय महामार्ग सहित एमएमआरडीए नें पहले ही आपसी तालमेल क्यों नहीं किया, जिससे 1 वर्ष पूर्व ही करोड़ों रुपये से निर्मित आरसीसी मार्ग टूटने से बच सकता था एवं सरकार का करोड़ों रुपए गड्ढों की भेंट चढ़ने से बच सकता था. अगर राष्ट्रीय महामार्ग अथॉरिटी, एमएमआरडीए व भिवंडी मनपा संयुक्त रूप से मिलकर आपसी तालमेल व सूझबूझ से कार्य करते तो आरसीसी मार्ग के मध्य से टूट रहा आरसीसी मार्ग निर्माण न होता और उसकी बजाय मार्ग को दोनों किनारों पर बढ़ा कर भविष्य में भी यातायात समस्या से आसानी से छुटकारा मिल सकता था.