Maharashtra government will soon bring a new textile policy, Aslam Shaikh said this about the development of powerloom sector
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    भिवंडी. पावरलूम नगरी भिवंडी (Powerloom City Bhiwandi) में वैश्विक महामारी कोरोना (Corona) का प्रकोप फिर बेहद तेजी से बढ़ रहा है। भिवंडी महानगरपालिका (Bhiwandi Municipal Corporation) क्षेत्र अंतर्गत 24 घंटे के दौरान 60 से 100 कोरोना मरीजों (Corona Patients) का पाया जाना शुरु है। विगत मार्च माह में हुए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान हुई भयंकर तकलीफ से जीवन भर की सीख प्राप्त कर चुके परप्रांतीय मजदूर (Labourer) अपना हिसाब लेकर भिवंडी से बोरिया-बिस्तर समेटने में जुट गए हैं। परप्रांतीय मजदूरों के परिजनों द्वारा फोन कर कामकाज छोड़कर घर आने की गुहार लगाई जा रही है। भिवंडी शहर से प्रतिदिन सैकड़ों मजदूर बोरिया-बिस्तर समेट कर गांव (Village) की राह पकड़ रहे हैं।

    गौरतलब है कि भिवंडी शहर में कोरोना संक्रमण का प्रादुर्भाव फिर तेजी से पैर पसार रहा है। भिवंडी मनपा अंतर्गत  रहिवासी एवं पावरलूम क्षेत्रों में  प्रतिदिन 60-100 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से बेहद चिन्तित परप्रांतीय मजदूरों में रोजी रोजगार सहित स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता फैल गई है। मजदूरों के परिजन फोन कर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कामकाज छोड़कर घर आने की गुहार कर रहे हैं।

    लॉकडाउन के दर्दनाक अनुभव से परेशान मजदूर

    परप्रांतीय मजदूर विगत मार्च माह में कोरोना संक्रमण प्रसार के दौरान  हुए लाकडाउन में बंद हुए रोजगार से हुई भारी तकलीफ का दंश 1 वर्ष उपरांत भी अभी तक नहीं भूल सके हैं। विगत मार्च में हुए लॉकडाउन की वजह से पावरलूम उद्योग सहित तमाम व्यवसाय बंद होने से मजदूरों को खाने के लाले पड़ गए थे।  सरकार द्वारा काफी मिन्नतों के बाद  रेल, बस यात्रा द्वारा परप्रांतीय मजदूरों को यत्र-तत्र ठिकानों पर  लावारिस तरीके से छोड़ा गया था। लाखों मजदूर पैदल व भूखे प्यासे परिजनों के संग भारी तकलीफ सहते हुए अपने घर पहुंचे थे। कई मजदूरों की दर्दनाक मौत रास्ते में हो गई थी। भिवंडी शहर में कोरोना के बढ़ते मामलों से विगत वर्ष भयंकर तकलीफ झेल कर गांव पहुंचे परप्रांतीय मजदूर अब बेहद सतर्क हो गए हैं। 

    लॉकडाउन की आहट के पूर्व ही कर रहे जाने की तैयारी

    लॉकडाउन की आहट के पूर्व ही अपना हिसाब लेकर बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी में जुट गए हैं। फैजाबाद, बस्ती निवासी रामधन मौर्या, शिवपाल यादव, राम पदारथ सिंह, सुखपाल शर्मा, रामलाल बिंद  आदि पावरलूम मजदूरों ने दर्द दास्ताँ सुनाते हुए बताया कि विगत मार्च माह में हुए लाकडाउन के उपरांत भयंकर तकलीफ झेली। रोजगार बन्दी से पेट को खाना भी नसीब नहीं हुआ। पैदल, साइकिल, ऑटो रिक्शा, ट्रक से जीते-मरते घर पहुंचे थे। अनलॉक होने पर रोजगार के लिए भिवंडी आए, लेकिन बीमारी के डर से जाना पड़ रहा है। भिवंडी में अब दोबारा कोरोना बढ़ रहा है। शासन कभी भी लॉकडाउन घोषित कर सकता है। सकुशल घर परिजनों के पास पहुंच जाएं तो ज्यादा ठीक होगा।  कोरोना महामारी के कारण परप्रांतीय मजदूरों के हो रहे पलायन से पावरलूम मालिकों के पसीने छूटने लगे हैं और पावरलूम उद्योग की खटपट पुनः बंद होने के आसार प्रबल हो गए हैं।

    ग्राम पंचायत चुनाव भी गांव जाने का बना कारण

    उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत का चुनाव भी 15 से 29 अप्रैल तक होने जा रहा है। ग्राम पंचायत चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भिवंडी में रह रहे लोगों को टिकट एवं पैसा देकर अपने समर्थन में वोटिंग के लिए बुला रहे हैं। कोरोना का भारी डर, प्रधानी चुनाव मजदूरों को भिवंडी छोड़ने पर विवश कर रहा है।