नहीं मिली एंबुलेंस, 3 वर्षीय मासूम को लेकर कलवा से कल्याण तक पैदल चली गर्भवती महिला

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दूसरे दिन ही महिला ने दिया बच्ची को जन्म

कल्याण. एंबुलेंस के अभाव के चलते 8 माह की गर्भवती एक  महिला द्वारा अपने 3 वर्षीय मासूम बच्चे के साथ रेलवे पटरी पर पांच घंटे तक पैदल चलकर कलवा से कल्याण तक पहुंचने के मामला प्रकाश में आया है. महिला को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करने की घटना से अस्पताल की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. लोगों द्वारा इसकी निंदा की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार कल्याण के कचौरे गांव रमाबाई नगर की रहने वाली  शबा शेख नामक महिला 8 माह की गर्भवती थी, शुरुआत में वह प्रसूति के लिए कल्याण के रुक्मिणी बाई अस्पताल में गई थी, लेकिन कुछ जटिलता होने के कारण उसे कलवा के शिवाजी महाराज अस्पताल में जाने को कहा गया तथा एंबुलेंस के द्वारा उसे कलवा अस्पताल में लाया गया.

दूसरे दिन वहां से यह कहकर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया कि प्रसूति के लिए अभी समय है. लॉक डाउन के इस समय में महिला कल्याण कैसे जाय इसके लिए उसने अस्पताल से एंबुलेंस की व्यवस्था के लिए कहा जिस पर अस्पताल की तरफ से जबाब मिला कि एंबुलेंस उपलब्ध नही है. शबा नें वहां उपस्थित पुलिस से कर्मी से भी सहायता मांगी, लेकिन उससे भी कोई प्रतिसाद नहीं मिला. कोई रास्ता नहीं मिलता देख असहाय मजबूर शबा अपने 3 वर्ष के बच्चे के साथ 8 माह की जटिलता पूर्वक गर्भवती होते हुए भी कलवा से रेलवे पटरी के रास्ते पांच घंटे तक चलकर कल्याण तक आई और  दूसरे दिन समाजसेवी सुवर्णा कानवडे ने यह खबर केडीएमसी आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी तक पहुंचाई. खबर मिलते ही आयुक्त ने तुरंत कल्याण के वैष्णवी अस्पताल में महिला को भर्ती कराया जिसके बाद पीड़ित महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. अस्पताल ने मुफ्त में महिला का पूरा इलाज किया. अब महिला और बच्ची दोनों सुरक्षित हैं.