Helpline number implemented to help public, notify immediately when symptoms appear

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नवी मुंबई. सेटेलाईट सिटी नवी मुंबई में कोरोना की बंदिशों में कैद जनता अब बेखौफ होने लगी है. बस डिपो और ऑटो स्टैंड पर खड़ी भीड़ और सिग्नल पर खड़ी गाड़ियों की लंबी कतार और सड़कों पर बढ़ रही भीड़ इस बात का संकेत देती है. इसे कोरोना के कमजोर होने का संकेत माना जा रहा है. अब न तो हास्पिटलों की कमी, न बेड का अभाव और न ही कोरोना की दवाओं को लेकर कोई शोर हो रहा है न ही कोई मोर्चा या आंदोलन. सब कुछ ठप्प और सामान्य से होता जा रहा है. तो क्या इसका मतलब ये है कि अब कोरोना खत्म हो गया है. या यूं कहें कि आर्थिक संकट में फंसी जनता कोरोना को धता बताकर जिन्दगी जीने की जद्दोजहद में जुट गयी है. अब इसका परिणाम क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा.

बढ़ रहे कोरोना के मामले, घट रही मौतें

नवी मुंबई महानगर पालिका की डेली रिपोर्ट इस बात का संकेत दे रही है कि कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं, लेकिन इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा घटा है. नवी मुंबई में रिकवरी रेट 93 फीसदी पर पहुंच गया है. इससे कोरोना का भय घट रहा है और लोग बेखौफ काम करने के लिए बाहर निकलने लगे हैं. कोरोना से बचने के लिए सरकारी निर्देशों का पालन सिर्फ दिखाने के लिए हो रहा है. यात्रियों को ढो रही मनपा और बेस्ट की बसों के साथ ही एपीएमसी और जनता मार्केट में भीड़ का आलम और उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक कोरोना को दरकिनार कर रूटीन में आ रहे लोगों की जिन्दगी का सबूत देता है. हालांकि इसे लेकर स्थानीय प्रशासन कई ठिकानों पर सख्ती दिखा रहा है और कार्रवाईयां भी कर रहा है.