रहमानिया नहीं बनेगा कोविड अस्पताल

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डायलिसिस मरीजों का था विरोध 

कैबिनेट मंत्री जीतेन्द्र आव्हाड के हस्तक्षेप पर मनपा ने निर्णय बदला 

मुंब्रा. कोरोना बाधितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मनपा प्रशासन की तरफ से कौसा स्थित रहमानिया को कोविड 19 अस्पताल बनाये जाने का जो निर्णय लिया था. उसको अस्पताल में डायलिसिस कराने वाले व अन्य मरीजों के भारी बिरोध के चलते गृह निर्माण मंत्री डॉ. जीतेन्द्र आव्हाड के हस्तक्षेप के बाद स्थगित करना पड़ा है. जिसके चलते डायलिसिस मरीजों में खुशी पाई जा रही है. मुंब्रा कौसा परिसर में कोरोना मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ने के चलते मनपा प्रशासन ने खड़ी मशीन मार्ग के समीप स्थित रहमानिया अस्पताल प्रबंधन को पत्र  कोविड अस्पताल बनाये जाने से संबन्धित पत्र दिया था. इसके बारे में जैसे ही अन्य रोगों के इलाज के लिए भर्ती मरीजों और डायलिसिस कराने वालों को मिली तो हंगामा खड़ा हो गया.

आसपास की इमारतों में रहने वालों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया. मरीजों ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए कहा कि  पहले हम लोग कालसेकर में डायलिसिस कराते थे, लेकिन उसको कोविड अस्पताल बना दिया गया. इसके बाद 80 से अधिक लोग रहमानिया में ही डायलिसिस कराते हैं, क्योंकि यहां गरीबों से कम पैसे लिए जाते हैं. हम इसके अलावा किसी भी अस्पताल में इलाज नहीं कराएंगे, भले मर जाएं. जिसको लेकर मरीजों ने उपायुक्त महेश आहेर से मिलकर अपनी समस्या उनके सामने रखी.

इस बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विडिओ को देखने के बाद गृह निर्माण मंत्री जीतेन्द्र आव्हाड ने इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मनपा आयुक्त विजय सिंघल से बातचीत की. और रहमानिया को कोविड अस्पताल न बनाने का निर्देश दिया. जिसके चलते यह निर्णय स्थगित कर दिया गया. इसके बाबत मुंब्रा प्रभाग समिती के कार्यकारी अभियंता धनंजय गोसावी ने अस्पताल जाकर जैसे हीजानकारी दी, मरीजों में खुशी की लहर दौड़ गई. गोसावी ने बताया कोविड के लिए अन्य दो अस्पतालों का चयन किया गया है. रहमानिया में डायलिसिस और अन्य मरीजों का ही इलाज होगा.