Remedivir injection should also be provided to non-Covid hospitals along with Covid

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    ठाणे. कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के प्रकोप को देखते हुए कोविड अस्पतालों (Covid Hospitals) के साथ नान कोविड अस्पताल (Nan Covid Hospital) को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) उपलब्ध कराने की मांग महापौर नरेश म्हस्के (Mayor Naresh Mhaske) ने जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर से की है। कोरोना के चलते आरटीपीसीआर की जांच करानी पड़ रही है, जिसकी  रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन का समय लग जाता है। ऐसे में प्राथमिक लक्षण दिखाई देने पर मरीज अस्पतालों में भर्ती होते हैं,तो ऐसे मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन देना आवश्यक होता है। निजी अस्पतालों  इंजेक्शन के न उपलब्ध होने से मरीज पर उपचार करने में देरी होती है। इसके लिए ठाणे के नॉन कोविड अस्पतालों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराए जाने की मांग महापौर नरेश म्हस्के द्वारा की गई है।

    ठाणे में मनपा के कोविड अस्पतालों के अलावा कुल 40 निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल की मान्यता मिली है, लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी सूची में केवल 16 निजी अस्पतालों को कोविड में शामिल किया गया है। कोरोना संक्रमित मरीजों की समस्याओं को दूर करने के लिए मनपा द्वारा मंजूर किए गए सभी कोविड अस्पतालों को जिलाधिकारी कार्यालय की सूची में शामिल किए जाने की मांग महापौर ने की है। महापौर नरेश म्हस्के ने कहा है कि आने वाले समय में  मनपा द्वारा कोविड अस्पतालों की संख्या को बढ़ाने पर उन्हें भी कोविड अस्पतालों की सूची में शामिल किया जाए। महापौर ने कहा कि संदिग्ध मरीज की जांच करने के बाद उसे कोरोना है अथवा नहीं इसके लिए सबसे पहले एंटीजन टेस्ट किया जाता है। जिसकी रिपोर्ट कुछ मिनटों में मिल जाती है, अगर टेस्ट निगेटिव आता है और मरीज में लक्षण साफ दिखाई देते हैं तो उसका आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाता है । महापौर नरेश म्हस्के ने कहा कि फिलहाल बड़ी संख्या में संदिग्ध मरीज टेस्ट  कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इन मरीजों के पास रिपोर्ट न होने के चलते उन्हें कोविड अस्पतालों ने भर्ती करना संभव नहीं हो पाता है, जबकि कोरोना के लक्षण होने के चलते डाक्टर उन्हें कई बार आरटीपीसीआर टेस्ट करने के लिए कहते हैं। 

    निजी अस्पतालों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता

    फेफड़ों में इंफेक्शन होने के चलते मरीज को रेमडेविसीर इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ती है। निजी अस्पतालों में यह इंजेक्शन न होने से मरीज का समय पर उपचार नहीं हो पाता है, उपचार के अभाव में मरीज की मौत हो जाती है।  मौतों को रोकने के लिए नॉन कोविड अस्पतालों में भी रेमडेविसीर इंजेक्शन मुहैया कराया जाना चाहिए। महापौर ने कहा कि मनपा द्वारा मान्यता प्राप्त कोविड अस्पतालों में रेमडेविसीर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन वर्तमान समय में निजी अस्पतालों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता है। इसे लेकर उचित नियोजन करते हुए कोविड अस्पतालों के साथ नान कोविड अस्पतालों में  रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाने के लिए जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर को पत्र देकर मांग की गई है।