श्रमजीवी संगठन ने किया मुंडन, पिंडदान आंदोलन

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  • आदिवासी परिवारों के समक्ष भुखमरी के हालात 

भिवंडी. वैश्विक महामारी कोरोना से हुए लाकडाउन की वजह से आदिवासी परिवारों के समक्ष भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं. सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ श्रमजीवी संगठन कार्यकर्ताओं ने मुंडन व पिंडदान कर विरोध दर्शाते हुए प्रांत कार्यालय के समक्ष आंदोलन किया व मांगपत्र नायब तहसीलदार महेश चौधरी को सौंपा गया. उक्त मौके पर श्रमजीवी संगठन युवक ठाणे जिलाध्यक्ष प्रमोद पवार, संगीता भोमटे, मोतीराम नामखुडा,आशा भोईर, गुरुनाथ वाघे, मुकेश भांगरे आदि सहित दर्जनों की संख्या में महिला-पुरुष कार्यकर्ता शामिल थे.

वैश्विक महामारी कोरोना संकट काल की वजह से करीब 6 माह बंद हुए तमाम रोजगार के कारण आदिवासी परिवारों को सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं दिए जाने का गम्भीर आरोप लगाते हुए श्रमजीवी संगठन युवक ठाणे जिलाध्यक्ष प्रमोद पवार ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि लाकडाउन से गरीब आदिवासी परिवारों के समक्ष भुखमरी के हालात पैदा हो चुके हैं. गरीब परिवारों के समक्ष बच्चों को खाना मुहैया कराया जाना मुश्किल होने से बच्चे भूखे सोने की मजबूरी झेल रहे हैं. सरकार द्वारा गरीब आदिवासी परिवारों को कोई आर्थिक मदद सहित तमाम मूलभूत सुविधाएं नहीं मुहैया कराए जाने से आदिवासी परिवार दुख भोग रहे हैं.