पुल पर बैरिकेडिंग, सीसीटीवी कैमरा और लाइट लगाने के लिए मौन आंदोलन

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भिवंडी. ठाणे-भिवंडी को जोड़ने वाला कशेली-वडपे गांव स्थित खाड़ी पर लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा पुल का निर्माण सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने करोड़ों रुपये खर्च कर किया है, बावजूद पुल पर दोनों तरफ की सुरक्षात्मक दीवार की ऊंचाई मात्र दो से ढाई फीट होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता.उक्त पुल पर रोलिंग की ऊंचाई बढ़ाने और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए स्थानीय निवासियों द्वारा मौन आंदोलन किया गया.

गौरतलब हो कि स्थानीय निवासी आरटीआई कार्यकर्ता किशोर जाधव ने सार्वजनिक बांधकाम विभाग से माहिती अधिकार अधिनियम अंर्तगत जानकारी मांगी थी कि कशेली पुल निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा नागरिकों के सुरक्षा के लिए क्या उपाय योजना किया गया है. 

सुरक्षात्मक दीवार मात्र 2 से ढाई फीट की 

जबाब में सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने स्पष्ट जबाब देते हुए कहा कि ‌ठेकेदार द्वारा सुरक्षा उपाय संबंधी किसी प्रकार के नियमों का पालन नहीं किया गया है. किशोर जाधव ने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों खाड़ी पुल पर सुरक्षात्मक दीवार मात्र 2 से ढाई फीट की है. बड़ी दीवार न होने की वजह से दुर्घटनाएं घट रही हैं और लोगों की जान जा रही है. पुल पर सीसीटीवी कैमरा नहीं होने से अराजक तत्वों द्वारा मर्डर कर शवों को पानी में फेंकने की घटनाएं हो चुकी है. 

 4 सालों से ऊंचाई बढ़ाने की मांग

निरंतर हो रही घटनाओं की वजह से आरटीआई कार्यकर्ता किशोर जाधव लगातार 4 सालों से इसकी ऊंचाई बढ़ाने की मांग कर रहे है. आंदोलन में शामिल स्थानीय जागरूक महिला लावण्या जाधव ने शासन से मांग की है कि दोनों पुल के सुरक्षात्मक दीवार की ऊंचाई बढ़ाई जाए और बैरिकेडिंग‌ सहित पुल पर स्ट्रीट लाइट और सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाना बेहद जरूरी है. पुल की सुरक्षात्मक दीवार की ऊंचाई बढ़ाने और बैरिकेडिंग की मांग किशोर जाधव ने सार्वजनिक बांधकाम विभाग सहित कोंकण विभागीय कमिश्नर से बार-बार किया है, किन्तु उक्त विभागों द्वारा पुल पर सुरक्षा के लिए किसी प्रकार की समुचित व्यवस्था नहीं किये जाने से बेहद आक्रोशित स्थानीय रहिवासियों ने खाड़ी पुल पर मौन आंदोलन कर शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया.