सात वर्षों से बंद CETP को शूरू किया जाए

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  • एडिशनल अंबरनाथ मेन्युफैक्चरर एसोसिएशन (आमा) की मांग

अंबरनाथ. स्थानीय आनंदनगर औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर केमिकल कंपनियां है. लेकिन इन कंपनियों से निकलने वाले रसायनयुक्त पानी पर प्रक्रिया करने वाला कॉमन इफ्फूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) केंद्र पिछले 7 साल से बंद है, जिससे इस परिक्षेत्र की कंपनी वालों को कंपनी चलाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. पर्यावरण की दृष्टि से सीईटीपी होना अनिवार्य है इसके अभाव के चलते इस क्षेत्र की अनेक कंपनियां या तो बंद हैं या फिर वह अन्य राज्यों में चली गयी हैं या फिर कुछ जाने के रास्ते पर हैं. 

हजारों लोगों को रोजगार व राज्य सहित केंद्र सरकार को करोड़ों रुपयों का राजस्व देने वाले स्थानीय आनंदनगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित बंद पड़े ट्रीटमेंट प्लांट को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग इस क्षेत्र के कंपनी मालिकों कि संस्था एडिशनल अंबरनाथ मेन्युफैक्चरर एसोसिएशन (आमा)  के अध्यक्ष उमेश तायड़े ने की है.

तायड़े का कहना है कि ‘सीईटीपी’ के अभाव के कारण अनेक कंपनियां यहां से दूसरे राज्यों में चली गयी है व कुछ जाने की राह पर है. इसलिए यदि समय रहते राज्य सरकार के एमआईडीसी विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में विकट समस्या उत्पन्न होगी, हजारों लोगों की नोकरी जा सकती है व सरकार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. 

बुधवार की सुबह उक्त मुद्दे को लेकर आमा ने अपने कार्यालय में पत्रकार परिषद का आयोजन किया था. इस अवसर पर आमा के अध्यक्ष उमेश तायड़े, सीईटीपी बोर्ड मेंबर संदीप तोंडापुरकर, कोषाध्यक्ष मकरंद पवार, परेश शहा आदि उपस्थित थे. इन पदाधिकारियों ने बताया कि बंद सीईटीपी को चालू किया जाए इस मांग को लेकर वह पालकमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई से मिल चुके हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी भेंट की गई थी, लेकिन प्लांट शुरू नहीं हो सका है. उमेश तायड़े ने कहा कि इस समस्या का समाधान न होने कुछ कंपनियां अपने करीब के राज्य गुजरात में शिफ्ट हो चुकी है व कुछ जाने की तैयारी में है. 

आमा अध्यक्ष उमेश तायड़े का कहना है कि नई केमिकल कंपनी को अनुमति तभी मिलती है जब उस औद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी होगा, 7 साल से इसके बंद होने से नई कंपनियां नहीं आ पा रही है. वही जो पुरानी कंपनी है उसपर आर्थिक बोझ पड़ रहा है. तायड़े ने उम्मीद जताई कि पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के माध्यम से आमा के पदाधिकारी उद्योगमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे ताकि यह मांग पूरी हो सके व सालाना 9 हजार करोड़ का कारोबार करने वाला यह क्षेत्र बंद होने अर्थात यहां की केमिकल कंपनियां अन्य राज्य में जाने से बच सके.