18 गांवों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जायेगी राज्य सरकार

  • प्रतिनिधिमंडल को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिया आश्वासन

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कल्याण. कल्याण में इन दिनों 18 गांवों को लेकर बिल्डर लाबी और सरकार के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। एक तरफ जहां राज्य सरकार (State government)  ने कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका (KDMC) क्षेत्र से 18 गांवों को अलग कर कल्याण उपनगर परिषद (kalyan Suburb Council) का दर्जा देकर उसे अलग कर दिया है। वहीं बिल्डर लाबी ने सरकार के फैसले को मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) में चुनौती देकर फैसला अपने पक्ष में कर लिया है।

गौरतलब हो कि संघर्ष समिति की मांग पर हाल ही में राज्य सरकार ने केडीएमसी (KDMC) के 27 गांवों में से 18 गांवों को अलग कर स्वतंत्र कल्याण उपनगर परिषद बनाई गई थी। 18 गांवों अलग होने के बाद बिल्डर लाबी को झटका लगा और अपना भारी-भरकम नुकसान देखकर बिल्डरों ने मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कोर्ट ने सरकार की निर्णय पर रोक लगाते हुए पुनः उन गांवों को महापालिका क्षेत्र में शामिल करने का आदेश दिया है।

सरकार संघर्ष समिति के पक्ष में है, इसलिए हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार और बिल्डर लाबी में शीतयुद्ध चल रहा है। मंगलवार को फिर से राकांपा के कल्याण जिला अध्यक्ष अप्पा शिंदे, कार्याध्यक्ष वंडारशेठ पाटिल और राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुधीर पाटिल ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से मुलाकात की और 18 गांव के मसले पर चर्चा के बाद उपमुख्यमंत्री को निवेदन दिया। जिला कार्याध्यक्ष वंडारशेठ पाटिल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar), सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री जितेंद्र अव्हाड से विस्तृत चर्चा हुई है और जल्द ही सरकार मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती देगी।