Crop insurance scheme will also be voluntary for debtor tenants
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भिवंडी कृषि अधिकारी ने किया आह्वान

भिवंडी. भिवंडी तालुका में मानसून शुरू है. खरीफ फसलों की बुआई शुरू हो चुकी है. सरकार ने खरीफ फसलों के बीमा के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. भिवंडी के कृषि अधिकारी गणेश बांबले ने किसानों से आह्वान किया है कि प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा हेतु किसान अपनी फसलों का बीमा जरूर कराएं. 

गौरतलब हो कि भिवंडी कृषि अधिकारी गणेश बांबले द्वारा बताया गया है कि मानसून की शुरुआत होने के उपरांत खरीफ फसलों के लिए बीमा कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड से फसली कर्ज लिया हुआ है, उनकी फसल खुद ही बीमा के दायरे में आ जाती है. शेष किसान अपनी मर्जी के मुताबिक फसल का बीमा करा सकते हैं. जन सेवा केंद्रों पर भी फसल का बीमा कराया जा सकता है.

फसलों का बीमा स्वैच्छिक है यानी फसल का बीमा कराना किसान की मर्जी पर है. हर साल बाढ़, आंधी, ओले, तेज बारिश या फिर सूखा से बड़ी संख्या में किसानों की फसल खराब हो जाती है. फसलों के प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) शुरू की हुई है. उक्त योजना को 13 जनवरी, 2016 को शुरू किया गया था. भारतीय कृषि बीमा कंपनी ( AIC) इस योजना को चलाती है जो भी किसान अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की ऑफिशियल वेबसाइट pmfby.gov.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर खुद ही फसल का बीमा करा सकते हैं. किसान अपने नजदीक के बैंक जाकर भी इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है. बीमा योजना में कॉमर्शियल और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा दी जाती है. हालांकि किसानों को 5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है. किसानों को 70 प्रतिशत दर निश्चित किया गया है. प्रति हेक्टेयर 45,500 नुकसान भरपाई दिया जायेगा. उक्त राशि प्राप्त करने हेतु किसानों को प्रति हेक्टेयर 910 रुपए का फसल बीमा करवाना आवश्यक है, जिसकी आखिरी मुद्दत 31 जुलाई 2020 तक है. फसल नुकसान होने पर इफको टोकियो जनरल इन्शुरन्स कंपनी लि. ठाणे  बीमा कवर देगी. फसल बीमा करवाने के लिए किसान कृषि कार्यालय से भी संपर्क कर सकते है. उक्त आह्वान भिवंडी कृषि अधिकारी गणेश बांबले ने किसानों से किया है.

किसान को खेत में फसल की बुआई का सबूत देना होगा. इसके लिए गांव के सरपंच या पटवारी से पत्र ले सकते हैं. फसल की बुआई के 10 दिन के अंदर आपको बीमा पॉलिसी लेनी होगी. विशेष ध्यान रखें कि फसल कटने के 14 दिन के भीतर हुए नुकसान की भरपाई बीमा योजना में होती है. प्राकृतिक आपदा की वजह से हुए नुकसान की स्थिति में ही बीमा का फायदा मिलेगा.