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ठाणे. ठाणे कांग्रेस ने जहां हाल में ही ढाई सौ पदाधिकारियों की एक जंबो कार्यकारिणी घोषित की है,वहीं दूसरी तरफ आगामी महानगर पालिका चुनाव को ध्यान में रखकर जनसंपर्क तेज कर दिया है. इतना ही नहीं कांग्रेस अब महाविकास आघाड़ी में तवज्जों न मिलने के कारण खार खाई हुई है और मनपा चुनाव में ‘एकला चलो’ की रणनीति पर काम करती दिखाई दे रही है. 

गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की संयुक्त महाविकास आघाड़ी की सरकार चल रही है, लेकिन राज्य में जैसे शिवसेना और एनसीपी दोनों पार्टियां कांग्रेस के मंत्रियों को उतना तवज्जों नहीं दे रही हैं, जिस प्रकार के वे हक़दार है. इसे लेकर कई बार कांग्रेस के मंत्री अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके है. ठीक यही स्थिति ठाणे में भी है. ठाणे मनपा में शिवसेना की सत्ता है और विपक्ष में एनसीपी है. लेकिन जब कोई निर्णय लेना होता है तो जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्य गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड आपस में बैठकर चर्चा कर लेते है और योजनाओं को अमली जामा तक पहना देते है और उसमें कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तक को भी नहीं पूछा जाता है. जिसे लेकर अब नवनियुक्त अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण तिलमिलाए हुए है और उन्होंने आगामी मनपा चुनाव के लिए लॉबिंग तेज कर दी है और ‘एकला चलो’ के तर्ज पर बैठकें करते नजर आ रहे हैं.  

250 पदाधिकारियों की कमिटी गठित की

हाल में ठाणे कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने 250 पदाधिकारियों की कमिटी गठित की है. इसके बाद उन्होंने सभी पुराने और नए नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त बैठक आयोजित की थी. जिसमें चव्हाण ने आगामी मनपा चुनाव में सभी प्रभागों पर कांग्रेस का उम्मीदवार खड़ा करने पर जोर देते हुए कार्यकर्ताओं को जन समस्या से जुड़े समस्याओं को उठाने और उसे सुलझाने की बात कही. साथ ही उन्होंने इसके लिए अभी से जनता के बीच जाकर पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूती के लिए निर्देश दिया. इस बैठक में ठाणे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मनोज शिंदे, अनिल सालवी, प्रदेश कांग्रेस सदस्य सुखदेव घोलप, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ जे बी यादव, ठाणे कांग्रेस प्रवक्ता सचिन शिंदे, अनीस कुरैशी, पूर्व महापौर नईम खान, महिला कांग्रेस अध्यक्षा शिल्पा सोनोने, युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष गिरी, एनएसयूआई के ठाणे अध्यक्ष आकाश रहाटे आदि उपस्थित थे.