Ulhasnagar Municipal Corporation has started notice session, Sai party alleges

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    उल्हासनगर. उल्हासनगर महानगरपालिका प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों से नोटिस सेशन शुरू किया है। इसमें नई और पुरानी बिल्डिंगों (New and Old Buildings) के अलावा घर और बंगलों को भी स्ट्रक्चरल ऑडिट (Structural Audit) कराने की नोटिस (Notice) जारी की हैं। हालांकि इसमें अच्छी और मजबूत बिल्डिंगों का भी समावेश है। उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) की पूर्व महापौर व साईं पार्टी की अध्यक्ष आशा जीवन इदनानी के ऊक्त मामले को उजागर करते हुए कहा कि बिल्डिंगों की जांच कराए बिना उसे धोखादायक करार देकर अपनी कमी और असफलता को छुपाने के लिए नोटिस दे रही है, इसको लेकर मेरा आरोप है कि स्थानीय महानगरपालिका प्रशासन मुंबई मनपा अधिनियम  कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रही है। इदनानी ने कहा कि उल्हासनगर महानगरपालिका ने पिछले कुछ दिनों से नोटिस सेशन शुरू किया है।

    मई के महीने में शहर में दो बिल्डिंगों के स्लैब गिरने की घटना में 12 लोगों की मौत हो जाने के बाद शहर में तुरंत नोटिस सत्र शुरू किया गया है। शुरुआत में शहर की सबसे खतरनाक और मरम्मत योग्य बिल्डिंगों को नोटिस जारी की गई है। इसके बाद 505 भवनों को संरचनात्मक लेखा परीक्षा नोटिस जारी किए गए थे, जिन का निर्माण 1994 से 1998 के दौरान किया गया है।  उल्हासनगर महानगरपालिका ने 1500 बिल्डिंगों को ऑडिट कराने नोटिस जारी किए गए। इन सभी नोटिसों से शहरवासियों में हड़कंप मच गया है। वहीं मनपा प्रशासन ने हाल ही में शहर के 122 भवनों की बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए है जिससे सेंकडों नागरिकों में रोष का माहौल है। 

    कमिश्नर को दिया निवेदन

    पूर्व मेयर और साई पार्टी की नेता आशा इदनानी ने कहा कि महानगरपालिका प्रशासन द्वारा जो नोटिस दी गई है उसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए है। इदनानी ने कहा कि नोटिस के मुद्दे पर कहा कि मेरे पास ऐसे भी लोग आए है जिनकी बिल्डिंगो का निर्माण 5 से 10 साल के बीच हुआ है। जो बेहतर व अच्छी स्थिति में है उन्हें भी ऑडिट संबंधी नोटिस जारी की है, इनमें बंगले और घरों का भी समावेश है। इदनानी का कहना है कि नोटिस देने से पहले बिल्डिंगो की जांच क्वालिफाइड और तकनीकी जानकारी रखने वालों से कराने के बाद नोटिस देनी चाहिए। अपनी मांगों को लेकर उल्हासनगर महानगरपालिका कमिश्नर को 2 पन्नों का निवेदन पत्र दिया है।

    जो बेघर होंगे उनकी रहने की व्यवस्था की जाए 

    वहीं पूर्व उप महापौर जीवन इदनानी ने ऊक्त मुद्दे पर कहा कि सभी भवनों को एक ही तरह की नोटिस दी गई है, इसलिए मनपा प्रशासन की आलोचना हो रही है। साईं पार्टी ने उल्हासनगर महानगरपालिका कमिश्नर से मांग की है कि जो बेघर होंगे उनकी रहने की व्यवस्था की जाए यदि कोई घर लेना चाहता है तो उन्हें कम ब्याज दर पर महानगरपालिका को ऋण उपलब्ध कराना चाहिए। जो उनके अधिकार में आता है।