मकान व दुकानों के मालिक करने लगे तकादा
नवी मुंबई. अनलॉक-1 में राज्य सरकार के द्वारा कुछ छूट देने के बाद अब किराएदारों की परेशानी बढ़ने लगी है. जो लोग अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहते हैं. उनसे अब मकान के मालिक किराए लिए तकादा करने लगे हैं. किराए पर दुकान लेकर जिन लोगों ने अपने कारोबार को शुरू किया था. उन्हें भी दुकान के मालिक किराए के लिए परेशान करने लगे हैं. जिसकी वजह से किराएदारों पर अब मकान व दुकान को खाली करने का संकट गहराने लगा है.
ज्ञात हो कि लॉक डाउन के बाद इन किरायदारों ने मालिकों को काम-धंधा ठप्प हो जाने की वजह किराया नहीं दिया था. इधर मकान व दुकान मालिक ने भी यह सोचकर किराएदारों पर ज्यादा दबाव नहीं डाला था कि कुछ हफ्तों के लॉक डाउन खुलने के बाद किराया मिल जाएगा.परंतु इतने लंबे लॉक डाउन के बाद न तो किराएदारों के पास काम है, न धंधा है और न ही नौकरी का कोई इनतजाम है. उपर से मकान व दुकान मालिक ने भी अब जबरन तकाजा करना शुरू कर दिया है.
किराया नहीं है तो खाली कर दो
किराए के घर में रहने वालों व किराए पर दुकान लेकर छोटा-मोटा कारोबार करने वालों को अब मकान व दुकान के मालिक दो टूक शब्दों में धमकी देने लगे हैं. ‘किराया नहीं है तो घर व दुकान को खाली कर दो’ इस तरह की बात अब मकान व दुकान के मालिक करने लगे हैं. काम-धंधा नहीं होने से जहां किराएदार घर व दुकान का किराया देने में असमर्थ हैं. वहीं इन किराएदारों को अपने परिवार का पालन पोषण करना दूभर गया है.
छूट गया है घर का काम
वाशी के जुहूगांव में अपने 3 बच्चो के साथ किराए के घर में रहने वाली सलमा शेख ने बताया कि वह कुछ लोगों के घर में साफ-सफाई का काम कर के अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थीं, लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए लोगों ने अपने घर में यह काम करना बंद कर दिया है. जिसकी वजह से अब दो जून की रोटी भी मुहाल हो गई है. घर का किराया नहीं देने की वजह से मकान मालिक रोज आकर उसका सामान बाहर फेक देने की धमकी देते रहता है. इसी प्रकार कई ऐसे गाला धारक व दुकानदार हैं, जिनका धंधा अभी भी बंद है. परंतु मालिक उन्हें कोई रियायत देने को तैयार नहीं है.
नाका कामगारों के हाथ भी खाली
नवी मुंबई में बिल्डिंग व चाल में किराए के मकान में रहने वाले व दुकान चलाने वालों की तरह ही इस शहर की झोपड़पट्टियों में रहने वाले लोग भी काम नहीं मिले की वजह से भारी परेशानी झेल रहे हैं. तुर्भे में रहने वाले नाका कामगार बालू राजाराम घोरपड़े ने ‘नवभारत’ को बताया कि अनलॉक-1 शुरू होने के बाद भी काम नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से झोपड़े का किराया तक नहीं दे पा रहे हैं.
-राजीत यादव