बाइक एंबुलेंस का इस्तेमाल कार्यालय के निजी काम के लिए !

  • मनपा के 45 लाख गया पानी में

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ठाणे. शहर के किसी भी कोने में आपातकालीन स्थिति के दौरान फौरन चिकित्सा मदद पहुंचाए जाने के लिए ठाणे मनपा ने 45 लाख रुपए खर्च कर 30 बाइक एंबुलेंस खरीदी थी और 6 महीने तक इन बाइक एंबुलेंसों के धूल खाते पड़े रहने के बाद 15  बाइक अग्निशमन विभाग के सुपुर्द की जाने वाली थीं. लेकिन वर्ष खत्म होने को है, बावजूद इसके अब तक इस विभाग को यह एंबुलेंस सौंपी नहीं गई हैं. करोनाकाल में इन बाइक एंबुलेंस का इस्तेमाल प्रभागवार एंटीजन जांच के लिए किए जाने का सुझाव भी था, पर कई प्रभागों के स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं है और कुछ जगह इसका इस्तेमाल कार्यालयीन कामकाज के लिए होने की जानकारी प्रकाश में आई है. 

मनपा प्रशासन से जांच किए जाने की मांग

मनसे के स्वप्निल महिंद्रकर का कहना है कि अगर 15 बाइक एंबुलेंस वॉर्ड में दी गई हैं, तो फिर शेष 15 बाइक एंबुलेंस कहां गईं. उन्होंने नागरिकों के पैसों की इस तरह की फिजूलखर्ची के मामले में मनपा प्रशासन द्वारा गहन जांच किए जाने की मांग की है. मनपा प्रशासन ने 30 जनवरी 2019 को बाइक एंबुलेंस के सड़क पर उतरने की घोषणा की थी. परंतु असल में ठाणेवासियों को इस योजना के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था. बाइक एंबुलेंस के काफ़िले में आरंभ में शामिल 15 गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं होने से उन्हें अग्निशमन दल को सुपुर्द किए जाने की बात कही गई थी, मगर ये बाइकें अब तक अग्निशमन विभाग को सौंपी नहीं गई हैं. इस बात की पुष्टि इसी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की है. 

आयुक्त का आदेश डस्टबिन में 

2 माह पहले ही आयुक्त ने वॉर्ड में एंटीजन टेस्ट के लिए इन बाइक एंबुलेंस का इस्तेमाल करने का आदेश दिया था, बावजूद इसके इस वॉर्ड अधिकारियों की अनभिज्ञता के कारण आयुक्त के आदेश को डस्टबिन में फेंक दिया गया. स्वप्निल महिंद्रकर ने यह आरोप लगाते हुए दुख जताया है कि जनहित की कई उम्दा योजनाएं क्रियान्वयन के अभाव में महज कागज़ पर रह जा रही हैं.