दलित अत्याचार बंद न होने पर आंदोलन की चेतावनी

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ठाणे. लॉकडाउन  के दौरान राज्य में दलितों पर अत्याचार की कई घटनाएं हुई हैं. सरकार को इन मामलों में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा एक हिंसक आंदोलन कर्फ्यू आदेश को तोड़कर बाहर निकल जाएगा,  वंचित बहुजन गठबंधन ने चेतावनी दी है. इस संबंध में बयान ठाणे जिला समन्वयक राजाभाऊ चव्हाण ने शुक्रवार को बयान भी जारी किया है. 

वंचित बहुजन गठबंधन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अरविंद बंसोड (निवासी, पिपलधारा, ता-नारखेड़, जिला-नागपुर) की 27 मई को नागपुर में जातिवादियों द्वारा हत्या कर दी गई थी. यह पुणे जिले में हुआ है. विराज जगताप (निवासी- पिंपल सौदागर, जिला-पुणे) पर 6 से 7 नस्लवादियों ने हमला किया था. इसमें युवक की मौत हो गई. तीसरी घटना में, दगडू धर्म सोनवने (निवासी-महिंदले, तहसील  भड़गाँव, जिला जलगाँव) पर 7 जून को सांप्रदायिकों द्वारा हमला किया गया था. पांचवीं घटना में, कोरेगांव, तहसील, कर्जत, जिला अहमदनगर के एक युवक राहुल अदसुल को ग्रामीणों ने हमला कर दिया. बीड जिले में पारधी समुदाय का ट्रिपल नरसंहार हाल ही में पूरे महाराष्ट्र में फैल गया है. इस तरह की बात जातिवादियों के साथ हुई है.

चंदनपुरी खुर्दी, तहसील अम्बागढ़, जिला. जालना में, एक बौद्ध परिवार को 20-25 लोगों के समूह ने पीटा था और नस्लवादी भाषा का इस्तेमाल किया था. मंथ, जिला जालना में एक दलित शिक्षक का गांव के सवर्णों द्वारा पीटे जाने के बाद आत्महत्या के लिए मजबूर करने का यह सातवां मामला है. जिला नील  सोनपेठ, जिला परभणी गाँव की एक बौद्ध महिला को कोरोना काल के दौरान गाँव में एक स्कूल में संगरोध के लिए गाँव में एक बौद्ध परिवार ने पीटा था. साथ ही, ठाणे में दलितों का अभी तक पुनर्वास नहीं किया गया है. ये सभी घटनाएं जातीय मानसिकता से बाहर हुई है. इसमें इन नस्लवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और त्वरित सुनवाई की मांग की गई है. यह भी चेतावनी दी कि यदि मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो कर्फ्यू को तोड़कर आंदोलन किया जाएगा. इस निवेदन में जयंवत बैले, अमोल पाईकराव, प्रविण पाईकराव, अनिवाश कांबले, राजू चौरे आदि अन्य के हस्ताक्षर हैं.