गौ-सेवा के लिए युवक ने छोड़ दी नौकरी

  • दान की जमीन पर बनाया गौशाला

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नवी मुंबई. गौ-धन का संरक्षण करने के लिए नवी मुंबई के कोपरखैरने में रहने वाला एक युवक अपनी नौकरी को छोड़ कर गौसेवा को अपने जीवन को समर्पित कर दिया. देश भर में गौ धन के संरक्षण के लिए भ्रमण करने वाले इस गौपुत्र को वाराणसी के सिंधौरा गांव में रहने वाले एक गौ-धन प्रेमी ने 30 एकड़ जमींन दान में दी है, जिस पर यह युवक गौशाला का निर्माण करा के उसमें गौपालन का काम शुरू किया है.

नवी मुंबई के कोपरखैरने में रहने वाले कृष्णानन्द नामक यह युवक यहां पर नौकरी करते अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. साल 2010 में इस युवक ने गौधन को हो रही हानि से व्यथित होकर गौसेवा करने का बीड़ा उठाया था, जिसके लिए इस युवक ने गौमाता के बारे में जनजागरण व गौशाला बनवाने के लिए देश भर में 15 हजार 600 कि.मी. की पैदल यात्रा की. इसके साथ ही 37 हजार कि.मी. की बाइक यात्रा कर के भारत के साथ-साथ नेपाल में भी गौमाता की महिमा बताकर लोगों से गौमाता के संरक्षण के लिए प्रेरित करने का काम किया.

नवी मुंबई में नहीं मिली गौशाला के लिए जमीन

कृष्णानंद ने नवी मुंबई व आस-पास के क्षेत्र में गौशाला बनाने चाहते थे, लेकिन उन्हें नवी मुंबई व इस शहर के आस-पास किसी ने गौशाला के लिए जमींन नहीं दिया. साल 2020 में कृष्णानंद वाराणसी में काशी विश्वनाथ का दर्शन करने गए थे. जहां पर वाराणसी के सिंधौरा बाजार में रहने वाले भावेश सिंह नामक व्यक्ति से उनकी मुलाकात हुई, जिसने अपने पिता ओमप्रकाश सिंह से 30 एकड़ जमीन गौशाला के लिए कृष्णानंद को दिलाने का काम किया. जहां पर कृष्णानंद ने गौशाला का निर्णाण कराया है. उनके इस काम में नवी मुंबई व वाराणसी के सिंधौरा गांव में रहने वाले लोग तन-मन-धन से सहयोग कर रहे हैं.