देश का इतिहास जानना चाहते है, तो इन जगहों पर एक बार जरूर जाएं

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    नई दिल्ली : इतिहास एक ऐसी बात जहां हमारे देश कि कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी होती है। हमारे देश का इतिहास सालों पुराना है, साथ ही बेहद रोचक है। हम सब  अपने देश का इतिहास जानने की इच्छा रखते है। इतिहासकारों की मानें तो ब्रिटिश हुकूमत ने 12 दिसंबर, 1911 को दिल्ली को देश की राजधानी बनाने की घोषणा की। उस समय से दिल्ली को राजधानी बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद 13 फरवरी, 1931 को दिल्ली देश की राजधानी बनी। उस समय से दिल्ली का चौमुखी विकास हुआ है।

    वर्तमान समय में देश की राजधानी दिल्ली में संसद भवन समेत कई ऐतिहासिक स्थल हैं। साथ ही कई संग्रहालय भी स्थित है। भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संग्रहालय है। जहां आपको अपने इतिहास, अपनी सभ्यता और संस्कृति को जानने का मौका मिलता है। कोलकाता संग्रहालय की गिनती देश के सबसे पुराने संग्रहालय में होती है, जिसकी स्थापना 1814 में हुई थी। जबकि, देश में सबसे अधिक संग्रहालय मध्य प्रदेश राज्य में है। इन संग्रहालयों को देखने के बाद आप भारत के इतिहास से रूबरू हो सकते हैं। आइए, इन म्यूजियम के बारे में जानते हैं……

    1. पुराना किला 

    इसके नाम से ही हम अंदाजा लगा सकते है, कि यहां का इतिहास कितना पुराना होगा। पुराना किला को पहले शेरगढ़ और शेर किला के नाम से जाना जाता था। यह दिल्ली का सबसे पुराना किला है और प्रगति मैदान के नजदीक स्थित है। यहां आकर आप हमारे देश से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाओं को जान सकते हैं। अगर आप मध्यकालीन भारत से रूबरू होना चाहते हैं, तो पुराने किले की सैर जरूर करें।

    2. गांधी स्मृति, दिल्ली

    गांधी स्मृति पहले बिड़ला हाउस के नाम से जाना जाता था। यह संग्राहलय गांधी जी को समर्पित है। इतिहासकारों की मानें तो इस जगह पर बापू ने अपने जीवन के अंतिम 144 दिन बिताए थे। देश के राष्ट्रपिता गांधीजी के बारे में जानना है तो यह एक बार जरूर आएं। अगर आप गांधी जी की जीवनी से रूबरू होना चाहते हैं, तो गांधी स्मृति का भ्रमण कर सकते हैं।

    3. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी

    जानकारों की मानें तो नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का मुख्य मकसद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को संरक्षित रखना है। इस म्यूजियम की स्थापना भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद साल 1964 में की गई थी। यहां आकर आप स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं को जान सकते है।