कुदरती सौंदर्य और इतिहास को संजोये है मिर्ज़ापुर, इन जगहों पर जाना न भूलें 

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मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है। जो सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से बहुत ज्यादा मायने रखता है। यहां का कुदरती सौंदर्यता, छोटे-छोटे झरनों की फुहार, रोमांचित करने वाले जल प्रपात तथा गुफा के पत्थरों पर बने चित्र और धार्मिक परिवेश बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। पर्यटन की दृष्टि से मिर्जापुर एक आदर्श स्थल है, जहां एक शानदार अवकाश परिवार या दोस्तों के साथ बिताया जा सकता है। तो आइए जानते हैं यहां के कुछ खास खूबसूरत जगहों के बारे में… 

ओझला पुल-

ओझला नदी अत्यंत पावन और पवित्र नदियों में से एक है। ऐसा माना जाता है की इसमें स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं और उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है। इस नदी पर बना ओझल पुल का निर्माण परशुराम गिरि द्वारा वर्ष 1850 में कराया गया था, जो एक दिन के रुई कारोबार की आय से निर्मित किया गया था। इस पुल के गर्भ गृह में कई कक्ष बनाए गए हैं। जहाँ प्राचीन काल में यात्री आराम करते थे। यह पुल नगरवासियों को गंगा दर्शन के साथ ही विंध्यवासिनी मंदिर से जोड़ता है।

घंटाघर-शहर का दिल-

तीन मंजिला और 100 फुट ऊंचा घंटाघर 31 मई 1891 को बनाया गया था। जिसकी लागत 18000 रुपये थी। इस घंटाघर को शहर का दिल भी कहा जाता है। देशी पत्थर पर गौथिक शैली की कारीगरी ने इस घंटाघर को अद्वितीय बना दिया है। यह बेहद ही खास पर्यटन स्थल है। 

पक्का घाट- मिर्ज़ापुर के त्रिमोहानी स्थित पक्का घाट सबसे प्रसिद्ध और दर्शनीय घाट है। यहाँ के पत्थरों पर की गई कारीगरी इसकी खूबसूरती में चार-चाँद लगा देती है। यहां आपको 70 सीढि़यां उतरनी पड़ेगी, फिर आप गंगा दर्शन के साथ-साथ शीतल बयार की सुंदरता देख पाएंगे। यहाँ के 26 खंभों पर फूल, बॉर्डर, देवी-देवता, वाद्ययंत्र बजाते हुए स्त्री-पुरुष बने हैं। यहाँ तक की कई जगह पर शेर का मुख भी बना हुआ है। यहाँ की दीवारों पर कई दरारें बनाई गई हैं, ताकि बाढ़ के समय घाट को कोई नुकसान न पहुंचे।