कर्नाटक के चिकमगलूर जिले में कुद्रेमुख नामक एक पहाड़ी परिसर है और यह पश्चिमी घाट का एक हिस्सा है। कुद्रेमुख एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है जहां की भूमि और घने जंगलों के साथ, यहां का वातावरण मन को मोह लेता है। तो आइए जानते हैं लोकप्रिय कुद्रिमुख के बारे में कुछ रोचक बातें।
• यहां की हरियाली है बेशकीमती
पश्चिमी घाट का दूसरा सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान है, यहां का छेत्रफल 600 वर्ग से भी ज्यादा है जहां हर साल 7000 मिमी के आसपास बारिश होती है। यहां घास के मैदान ओर सदाबहार जंगल, ठंडा मौसम और अनुकूल वातावरण से रूबरू होने हर साल पर्यटक यह आना पसंद करते है।
• हनुमान गुंडी झरना
पर्यटक कुद्रेमुख आ कर प्रकृति से रूबरू होते है साथ ही आपको कुद्रेमुख के हनुमान गुंडी झरना ज़रूर आना चाहिए जिसे आस पास के निवासी सुथान्नाब्बे झरने के नाम से भी जाना जाता है। यह झरन 100 से भी अधिक फुट कि उचाई से नीचे गिरता है जिसके आस पास प्राकृतिक वातावरण और हरियाली इस झरने की सुंदरता में चार – चांद लगा देती है। जो लोग प्रकृति से प्रेम करते है और अपना सारा वक्त इसके बीच गुजारना चाहते है तो उन्हें कुद्रेमुखज़रूर आना चाहिए, यह जगह पर्यटकों के लिए लंबी पैदल यात्रा करने के लिए एकदम सही है।
भारी मात्रा में पर्यटक यहाँ आते हैं, बहुत सा वक़्त शांत वातावरण और हरियाली के बीच बिता कर थक जाने पर हनुमान गुंडी झरने में आकर आप सारी थकान भी मिटा सकते हैं, जिसके लिए आपको 30 रुपय का मामूली शुल्क देना होगा।
• कुद्रेमुख नेशनल पार्क
कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान, कुद्रेमुख पहाड़ों के बीच में स्थित ओर अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए लोकप्रिय है। 1987 में इस नेशनल पार्क को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था, जोकि 600 किलोमीटर के वर्ग छेत्र में फैला है जिसे सबसे अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है। यहां घूमने के लिए बहुत कुछ है, जिसमे वाइल्ड लाइफ ओर पश्चिम के उष्णकटिबंधीय वन भी शामिल हैं, यहां आप प्रकृति ओर जीव को नजदीक से महसूस कर सकते हैं।