“विश्व पर्यटन दिवस”- घूमना-फिरना है बहुत जरुरी, जानें इतिहास, महत्व और विषय

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विश्व पर्यटन दिवस आज यानी 27 सितंबर को विश्वभर में मनाया जाता है। यूँ तो हर किसी को घूमना-फिरना बहुत पसंद होता है। नई-नई जगह जाकर वहां की खूबसूरती को अपनी आँखों में कैद करना, वहां की संस्कृति के बारे में जानना लोगों को बेहद पसंद आता है। लेकिन आज कल की भागती दौड़ती ज़िंदगी में लोगो के पास समय की बेहद कमी हो गई है, जिसकी वजह से लोग अब ज़्यादा घूमने नहीं जा पाते। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए WTO की ओर से विश्व पर्यटन दिवस‌ (World Tourism Day) मनाया जाता है। ताकि लोगों को पर्यटन सम्बंधित जानकारी दे सकें कि यह कितना आवश्यक है। 

वहीं अगर बात भारत की करें तो, हमारे देश में घूमने के लिए अनेकों ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर आदि हैं। साथ ही हमारे देश ने पर्यटकों का ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा “अतुल्‍य भारत” योजना की भी शुरूआत की है। यह योजना काफी सफल भी हुई थी। भारत में प्रत्‍येक वर्ष लाखों की संख्‍या में पर्यटक आते हैं, इन्‍हीं पर्यटकों को और आकर्षित करने के लिए प्रत्‍येक वर्ष विश्‍व पर्यटन दिवस की एक थीम भी रखी जाती है। 

विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास:-

विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के द्वारा की गई थी। इस तारीख के चुनाव का मुख्य कारण यह था कि  इसी दिन वर्ष 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। इन विधियों को अपनाना वैश्विक पर्यटन में एक मील का पत्थर माना जाता है। इस्तांबुल टर्की में अक्टूबर 1997 को बारहवीं UNWTO महासभा ने यह फैसला लिया कि प्रत्येक वर्ष संगठन के किसी एक देश को हम विश्व पर्यटन दिवस मनाने के लिए सहयोगी रख सकते हैं। इसी परिकल्पना में विश्व पर्यटन दिवस वर्ष 2006 में यूरोप में 2007 में साउथ एशिया में 2008 में अमेरिका में 2009 में अफ्रीका में तथा 2011 में मध्य पूर्व क्षेत्र यह देशों में मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल विश्व पर्यटन दिवस की विषय-वस्तु तय करती है।

विश्व पर्यटन दिवस का उद्देश्य:-

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व में इस बात को प्रसारित तथा जागरूकता फैलाने के लिए हैं कि किस प्रकार पर्यटन वैश्विक रुप से, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक मूल्यों को बढ़ाने में तथा आपसी समझ बढ़ाने में सहायता करता है।

भारत में न केवल गोवा, केरल, राजस्थान, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुँचा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 6.5 मिलियन पर्यटक गए थे। यह आंकड़ा राज्य की कुल आबादी के लगभग बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक विदेशी थे। आंकड़ों के लिहाज़ से देखें तो प्रदेश ने अपेक्षा से कहीं अधिक सफल प्रदर्शन किया है।

विश्व पर्यटन दिवस पर 2020 थीम:-

विश्व पर्यटन दिवस पर इस साल “पर्यटन और ग्रामीण विकास” का विषय रखा गया है। संयुक्त राष्ट्र इस बात से अवगत है कि COVID-19 महामारी द्वारा सभी क्षेत्रों में पर्यटन अप्रभावित नहीं रहा। यात्रा पर प्रतिबंध और उपभोक्ता मांग में अचानक गिरावट के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटन संख्या में अभूतपूर्व गिरावट आई है, जिसके कारण आर्थिक नुकसान और नौकरियों का नुकसान हुआ है।

इस साल कैसे मनाया जा रहा विश्व पर्यटन दिवस:-

इस वर्ष विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) की तरफ से  DTHM, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हरियाणा में 27 सितंबर 2020 को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य संभावित छात्रों के बीच पर्यटन और आतिथ्य कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह कार्यक्रम ऑनलाइन कराया जा रहा है इस ऑनलाइन कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों को पर्यटन विषय पर पोस्टर मेकिंग, निबंध लेखन और फोटोग्राफी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जा रहा  है।

कोरोना की वजह से भारत में पर्यटन क्षेत्र पर संकट:-

कोरोनावायरस महामारी ने भारतीय यात्रा और पर्यटन उद्योग को एक गंभीर झटका दिया है। उद्योग के एक अध्ययन के अनुसार, सेक्टर से जुड़ी पूरी मूल्य श्रृंखला लगभग 5 लाख करोड़ रुपये या USD 65.57 बिलियन का नुकसान होने की संभावना है।

यह भारतीय पर्यटन उद्योग को हिट करने के लिए अब तक के सबसे खराब संकटों में से एक है। जो इसके सभी भौगोलिक खंडों – इनबाउंड, आउटबाउंड और घरेलू, लगभग सभी पर्यटन वर्टिकल – अवकाश, साहसिक, विरासत, MICE, क्रूज, कॉर्पोरेट और आला क्षेत्रों को प्रभावित करता है।

पिछले 10 साल के विश्व पर्यटन दिवस थीम:-

 

वर्ष 2020 का विषय “पर्यटन और ग्रामीण विकास” है।

वर्ष 2019 का विषय “टूरिज्म एंड जॉब: अ बेटर फ्यूचर फॉर ऑल” है।

वर्ष 2018 का विषय “पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण” था।

वर्ष 2017 का विषय “सतत पर्यटन – विकास का साधन” था।

वर्ष 2016 का विषय “सभी के लिए पर्यटन – विश्वव्यापी पहुंच को बढ़ावा देना” था।

वर्ष 2015 का विषय “लाखों पर्यटक, लाखों अवसर” था।

वर्ष 2014 का विषय “पर्यटन और सामुदायिक विकास” था।

वर्ष 2013 का विषय “पर्यटन और जल: हमारे साझे भविष्य की रक्षा” था।

वर्ष 2012 का विषय “पर्यटन और ऊर्जावान स्थिरता ‘था।

वर्ष 2011 की विषय “पर्यटन संस्कृति को जोड़ता है” था।