1483 workers have returned 20 lakh workers on special trains so far in Uttar Pradesh

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लखनऊ: उत्तरप्रदेश में अब तक दूसरे प्रदेशों से प्रवासी श्रमिकों को लेकर 1,483 विशेष रेलगाड़ियां आ चुकी हैं और शुक्रवार रात तक 46 रेलगाड़ियां और आयेंगी। अभी तक प्रदेश में 20 लाख से अधिक लोग श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से आ चुके है। अपर मुख्य सचिव गृह और सूचना अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इसके अलावा हमारे प्रदेश से दूसरे प्रदेशों के श्रमिको को भी भेजा जा रहा है। अभी तक हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब के श्रमिको को भेजा जा चुका है। प्रदेश में 1,557 रेलगाड़ियों के माध्यम से लगभग 21.65 लाख से अधिक कामगार एवं श्रमिक को लाये जाने की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात तक प्रदेश में आने वाली विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों की संख्या 1500 के पार पहुंच जाएगी। अब तक सबसे अधिक 511 रेलगाड़ियां गुजरात से आई हैं। इसके बाद महाराष्ट्र से 350 से अधिक, पंजाब से 231 रेलगाड़ियां आई हैं, इस तरह देश के लगभग सभी प्रदेशों से प्रवासी श्रमिको को लेकर लगातार विशेष रेलगाड़ियां आ रही है। इसके अलावा बसों से भी अब तक दो लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक प्रदेश में लौट चुके हैं।

अवस्थी ने बताया कि पूरे देश से कामगारों/श्रमिकों के लिए निःशुल्क रेलगाड़ी तब तक जारी रहेगी, जब तक वापस आने के इच्छुक कामगार/श्रमिक प्रदेश लौट नहीं आते। देश में सबसे अधिक कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं। प्रदेश में अब तक 1,557 ट्रेन के माध्यम से लगभग 21.65 लाख से अधिक कामगार एवं श्रमिकों को लाये जाने की व्यवस्था की गई है, इनमें से अब तक 1,483 रेलगाड़ियों से 20,14,915 लाख से अधिक लोगों को प्रदेश में लाया जा चुका है। इसके साथ ही 74 रेलगाड़ियों को और सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि अब तक बसों के माध्यम से लगभग 3.50 लाख लोगों को उनके गृह जनपद पहुंचाया गया।

उन्होंने बताया कि रेलगाड़ी एवं बसों के माध्यम से अब तक 23.58 लाख से अधिक लोगों को उनके गृह जनपद में सकुशल पहुंचाया जा चुका है। अब तक रेलगाड़ी, बस एवं निजी साधनों से लगभग 28 लाख लोग प्रदेश में वापस आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक उत्तर प्रदेश से 93 रेलगाड़ियां अन्य प्रदेशों को भेजी गयी है।

उन्होंने बताया कि गोरखपुर में अब तक 247 रेलगाड़ी से 3,18,070 कामगार एवं श्रमिक आये हैं। लखनऊ में 101 रेलगाड़ियों से 1,32,115 लोग आए हैं। वाराणसी में 109, आगरा में 10, कानपुर में 17, जौनपुर में 115, बरेली में 12, बलिया में 69, प्रयागराज में 62, रायबरेली में 21, प्रतापगढ़ में 73, अमेठी में 17, मऊ में 46, अयोध्या में 35, गोंडा में 67, उन्नाव में 28, बस्ती में 77 रेलगाड़ी जबकि आजमगढ़ में 36, कन्नौज में तीन, गाजीपुर में 32, बांदा में 19, सुल्तानपुर में 24, बाराबंकी में 12, सोनभद्र में तीन, अम्बेडकरनगर में 23, हरदोई में 19, सीतापुर में 13, फतेहपुर में नौ, फर्रूखाबाद में दो, कासगंज में नौ, चंदौली में 15, इटावा में एक, मानिकपुर (चित्रकूट) में एक, एटा में एक, जालौन में दो, रामपुर में एक, शाहजहांपुर में एक, अलीगढ़ में छह, भदोही में तीन, मिर्जापुर में 11, देवरिया में 97, सहारनपुर में चार, चित्रकूट में तीन, बलरामपुर में 19, मुजफ्फरनगर में एक, झांसी में पांच, पीलीभीत में एक, महाराजगंज में एक रेलगाड़ी आ चुकी हैं। कौशांबी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, कुशीनगर, हमीरपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी में भी विशेष रेलगाड़ी आ रही हैं।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि देश के सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर वहां रह रहे उत्तर प्रदेश के श्रमिको के बारे में जानकारी प्राप्त की जायें। उन्होंने प्रदेश में कार्यरत विभिन्न राज्यों के वापस जाने के इच्छुक कामगारों/श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए उनकी सूची विभिन्न राज्य सरकारों को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी, किसी भी जनपद में कोई पैदल यात्रा न करें। कामगार/श्रमिक स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें। सरकार समस्त श्रमिकों/कामगारों के लिए सुरक्षित यात्रा हेतु पर्याप्त निःशुल्क बस एवं ट्रेन की व्यवस्था कर रही है।(एजेंसी)