लखनऊ के सफल प्रयोग के बाद यूपी के कई नगर निगम बांड लाने को तैयार

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राजेश मिश्र

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पहले म्यूनिसिपल बांड की सफलता के बाद जल्द ही कई और नगर निगम अपने बांड इश्यू लेकर आएंगे. हाल ही में जारी हुए लखनऊ नगर निगम के बांड को बाजार में जबरदस्त रिस्पांस मिला है और ये कई गुना ज्यादा बिका है. लखनऊ की सफलता के बाद अब बारी प्रदेश के अन्य बड़े नगर निगमों की है.

नगर विकास विभाग के मुताबिक, गाजियाबाद वाराणसी, आगरा और कानपुर के नगर निगम भी आने वाले महीनों में बांड जारी करेंगे. अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ नगर निगम के 200 करोड़ रुपए के बांड इश्यू को उम्मीद से कहीं ज्यादा ओवर सब्सक्रिप्शन मिला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 दिसंबर को मुंबई शेयर बाजार (बीएसई) में लखनऊ नगर निगम के बांड की लिस्टिंग के मौके पर मौजूद रहेंगे. इस दौरान कई और बड़े औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे.

450 करोड़ रुपए का सब्सक्रिप्शन मिला

लखनऊ नगर निगम के 200 करोड़ रुपयों के बांड को हाल ही में बीएसई में लांच किया गया था जिसे 225 फीसदी ज्यादा करीब 450 करोड़ रुपए का सब्सक्रिप्शन मिला है. नगर निगम के 10 साल के बांड को 8.5 फीसदी दर जारी किया गया है. अब दो दिसंबर को बीएसई में बेल बजाकर मुख्यमंत्री इसकी लिस्टिंग की शुरुआत करेंगे.

गाजियाबाद नगर निगम ने क्रेडिट रेटिंग का काम पूरा किया 

लखनऊ नगर निगम के बांड इश्यू की सफलता के बाद अब गाजियाबाद को भी इसके लिए कह दिया गया है. गाजियाबाद नगर निगम ने इसके लिए क्रेडिट रेटिंग का काम पूरा करवा लिया है. इसके अलावा वाराणसी, आगरा और कानपुर नगर निगम भी जल्दी ही बांड इश्यू लेकर आएंगे. उधर प्रदेश में पहले औद्योगिक प्राधिकरण के तौर पर यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी को भी इस योजना पर आगे बढ़ने के लिए कह दिया गया है. यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी प्रदेश का पहला औद्योगिक प्राधिकरण होगा जो अपना बांड ईश्यू लेकर आएगा. 

रेटिंग के लिए ब्रिकवर्क रेटिंग्स का चयन

यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी के बांड के लिए तैयारियां अभी आरंभिक चरण में हैं. अथारिटी की जरुरत और इसकी साख के आकलन के साथ ही रेटिंग के लिए ब्रिकवर्क रेटिंग्स का चयन किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि अभी बांड ईश्यू का आकार तय नहीं किया गया है पर इसके जरिए 200 करोड़ रुपये जुटाने की संभावना है.

पीएम मोदी ने म्यूनिसिपल बांड की घोषणा की थी 

गौरतलब है कि  लखनऊ में 2018 में हुए इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यूनिसिपल बांड की घोषणा की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर भारत में ‘अमृत’ योजना के तहत पहले म्यूनिसिपल बांड के रूप में लखनऊ नगर निगम को इसे लांच करने के लिए कहा था. लखनऊ नगर निगम की औरंगाबाद खालसा आवासीय परियोजना के वित्त पोषण के लिए इस बांड ईश्यू को लाया गया है. राजधानी लखनऊ में नगर निगम की औरंगाबाद खालसा परियोजना पर काम काफी पहले शुरु किया गया था पर यह बाद में पैसों की कमी के चलते बंद हो गई थी. लगभग 350 करोड़ की इस परियोजना में नगर निगम के करीब 40 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. अब निगम की 200 करोड़ रुपए युनिसिपल बांड से 195 करोड़ रुपए इस परियोजना में लगाए जाएंगे, जबकि बाकी के 5 करोड़ रुपए अमृत योजना के तहत पेयजल पर खर्च होंगे. केंद्र सरकार म्यूनिसिपल बांड लाने के लिए 26 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी.