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बलिया (उप्र). बलिया (Baliya) जिले के दुर्जनपुर गांव में उचित मूल्य की दुकान के आवंटन के दौरान हुई हिंसक वारदात में आरोपी पक्ष की अर्जी पर शनिवार को 21 व्‍यक्तियों के विरूद्ध नामजद और 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। आवंटन के दौरान गोली लगने से मारे गये जयप्रकाश पाल को भी आरोपी पक्ष की शिकायत के आधार पर आरोपी बनाया गया है। रेवती थाना प्रभारी प्रवीण सिंह ने शनिवार को बताया कि दुर्जनपुर निवासी आशा प्रताप सिंह की अर्जी पर सुनवाई के दौरान एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिये थे।

थाना प्रभारी के मुताबिक, अदालत के आदेश के अनुसार शनिवार को बलवा, संगठित होकर धारदार हथियार से हमला करने, जान लेने की नीयत से हमला कराने, गंभीर रूप से घायल करने, पथराव, अपशब्‍द कहने और जान से मारने की धमकी देने के मामलों में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के तहत 21 नामजद और 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि इन नामजद आरोपियों में जयप्रकाश पाल का भी नाम है। जयप्रकाश पाल की 15 अक्‍टूबर को दुर्जनपुर में उचित मूल्य की दुकान के आवंटन के दौरान हुए विवाद में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। इस मामले में पाल परिवार की शिकायत पर धीरेंद्र प्रताप सिंह को मुख्‍य आरोपी बनाया गया था।पुलिस ने इस मामले में अब तक धीरेंद्र प्रताप समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

इस बीच, धीरेंद्र प्रताप सिंह की भाभी आशा प्रताप सिंह ने पाल पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आशा ने अपनी अर्जी में कहा है कि गत 15 अक्टूबर को दुर्जनपुर में उचित मूल्य की दुकान के आवंटन के लिये खुली बैठक हो रही थी। उन्होंने कहा कि उपजिलाधिकारी द्वारा बैठक निरस्त कर देने के बाद उनके पक्ष के सभी लोग अपने घर जा रहे थे, लेकिन तभी पाल पक्ष ने पुरानी रंजिश के चलते जान लेने की नीयत से उन पर हमला कर दिया गया, जिसमें धीरेंद्र प्रताप सिंह सहित आठ लोग घायल हो गए।

इस मामले को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत विपक्ष सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है, जबकि सत्‍ता पक्ष के विधायक सुरेंद्र सिंह आरोपी धीरेंद्र प्रताप के पक्ष में खुलकर सामने आ गये हैं। सुरेंद्र सिंह ने धीरेंद्र के पक्ष से मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने में जाकर पैरवी की थी, जिस पर कांग्रेस महासचिव एवं उत्‍तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट़वीट कर भाजपा के शीर्ष नेताओं से सवाल पूछा था कि क्‍या वे हत्‍यारोपी की पैरवी करने वाले विधायक के साथ खड़े हैं और अगर ऐसा नहीं है तो विधायक अभी तक भाजपा में क्‍यों हैं।