Balliya BJP Leader Firning

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बलिया/लखनऊ (उप्र). बलिया जिले (Balliya District) के रेवती क्षेत्र में बृहस्पतिवार अपरान्ह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन को लेकर बुलायी गयी बैठक के दौरान गोली (Firning) चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने घटना पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उपजिलाधिकारी (Deputy Collector) और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है।

विपक्ष ने इस वारदात पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सत्ताधारी लोग खुलेआम कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं और यह घटना प्रदेश में व्याप्त घोर अराजकता की एक और मिसाल है। बलिया के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने बताया कि रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में आज अपरान्ह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन को लेकर पंचायत भवन पर बैठक हो रही थी।

उन्होंने बताया कि इस चयन के लिये दो स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोग मौजूद थे। उन्होंने बताया कि चयन के दौरान दोनों समूहों से जुड़े लोगों में कहासुनी हो गई। उन्होंने बताया कि इस बहस-मुबाहिसे के बाद बैठक में मौजूद उप जिलाधिकारी ने चयन स्थगित कर दिया। उन्होंने बताया कि इसी बीच एक समूह के धीरेंद्र प्रजापति ने गोली चला दी, जिसमें जय प्रकाश उर्फ गामा पाल (46) की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद वहां भगदड़ मच गयी। हत्यारोपी धीरेंद्र भाजपा का पदाधिकारी है। बैरिया क्षेत्र से पार्टी के विधायक सुरेन्द्र सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि धीरेन्द्र भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष है। सिंह ने घटना को ‘कैजुअल्टी’ करार देते हुए कहा कि ऐसी वारदात कहीं भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि घटना में दोनों तरफ से पथराव हुआ था और मामले में कानून अपना काम करेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात को गम्भीरता से लेते हुए सम्बन्धित उपजिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी चंद्रकेश सिंह और मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने और घटना के दोषियों के खिलाफ ‘कठोरतम’ कार्रवाई के आदेश दिये हैं।

योगी ने कहा कि इस मामले में अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी और अगर वे जिम्मेदार पाये गये तो उनके खिलाफ भी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में जय प्रकाश के भाई चंद्रमा की शिकायत पर चार नामजद तथा 15 से 20 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धारा में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि मौके पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और मौके पर शांति है।

विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार पर हमला बोल दिया है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गये ट्वीट में कहा “सत्ताधीश खुलेआम कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।” पार्टी ने कहा ”बलिया में कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली खौफनाक वारदात सामने आई है जहां उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी के सामने भाजपा नेता ने युवक जय प्रकाश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के सामने से गोली मारकर भाजपा नेता फरार भी हो गया।”

कांग्रेस के प्रदेश मीडिया संयोजक ललन कुमार ने इस घटना पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, “भाजपा सरकार खून से लथपथ है। बलिया की घटना शर्मसार करने वाली है। अधिकारियों के सामने सरेआम हत्या की और वह भाग भी गया। मुख्यमंत्री कार्रवाई का दिखावा करते हैं। वह अपने मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को कब सलाखों के पीछे भेजेंगे।”

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के हालात देखकर ऐसा लगता है कि यहां महा—जंगलराज चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों पर तो कार्रवाई करते हैं, मगर वह वारदातों में लिप्त भाजपा नेताओं और वरिष्ठ अफसरों पर कब कार्रवाई करेंगे। अगर मुख्यमंत्री में थोड़ी सी भी शर्म बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिये।” आप आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने बलिया की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में हत्या हो गयी और ये अफसर तमाशबीन बने रहे।

उन्होंने कहा, “अधिकारियों के इस रवैये के चलते ये भी उस हत्याकांड में उतने ही दोषी हैं जितना हत्यारोपी भाजपा का नेता। इसलिये इन अधिकारियों पर भी हत्या का मामला दर्ज होना चाहिये। मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कतई बख्शा न जाए।” (एजेंसी)