भाजपा सांसद ने सपा विधायक पर दलितों की भावना आहत करने का आरोप लगाया, जेल भेजने की मांग

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    लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इकबाल महमूद पर दलितों की भावना आहत करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजने की मांग की है।   

    बृजलाल ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सपा विधायक पर दलितों की भावना आहत करने के मामले में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किए जाने के साथ ही देश विरोधी वक्तव्य के लिए मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए।

    महमूद ने उत्तर प्रदेश के विधि आयोग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण संबंधी मसविदा तैयार किए जाने पर विवादित बयान देते हुए रविवार को कहा था कि कानून की आड़ में मुसलमानों पर वार करने की साजिश है और मुस्लिमों नहीं, बल्कि दलितों तथा आदिवासियों की वजह से आबादी बढ़ रही है। 

    सांसद एवं उत्‍तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा, ”दलित चार शादियां नहीं करता है और न ही रोहिंग्या तथा अवैध बांग्लादेशियों की देश में पैठ बनाता है। दलित भारत माता को न तो डायन कहता है और न ही “वंदे मातरम” पर लोकसभा से बाहर निकलकर भारत का अपमान करता है।”

    उन्होंने कहा कि ”हर हालत में “जन संख्या नियंत्रण” करना होगा, जो बिना क़ानून बनाये सम्भव नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहल की है जिसका समर्थन पूरे देश को दलगत भावना से ऊपर उठकर करना चाहिये।” ”   

    सपा विधायक इकबाल महमूद ने रविवार को संभल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिये एक कानून लाने पर विचार कर रही है। ”

    दरअसल यह जनसंख्या की आड़ में मुसलमानों पर वार है। भाजपा के लोग अगर समझते हैं कि देश में सिर्फ मुसलमानों की तादाद बढ़ रही है तो यह कानून संसद के अंदर आना चाहिए था ताकि यह पूरे देश में लागू होता। यह उत्तर प्रदेश में ही क्यों लाया जा रहा है।”

    सपा विधायक ने कहा ”सबसे ज्यादा आबादी दलितों और आदिवासियों के यहां बढ़ रही है, मुसलमानों के यहां नहीं। मुसलमान तो अब समझ गये हैं कि दो—तीन बच्चों से ज्यादा नहीं होने चाहिए।”   

    गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने के लिये राज्य का विधि आयोग एक कानून के मसविदे पर विचार कर रहा है। आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल के मुताबिक राज्य की जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के लिये आयोग ने कानून के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। यह मसविदा दो महीने के अंदर तैयार करके राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।   

    उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रस्ताव के दायरे में बहुविवाह तथा अन्य विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए विचार किया जा रहा है। यह आयोग की तरफ से महज सुझाव होंगे। यह सरकार पर है कि वह इन्हें मानती है या नहीं।(एजेंसी)