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    लखनऊ. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रदेश के अति प्रभावित 12 जिलों में आईसीयू (ICU) और आइसोलेशन बेड्स (Isolation Beds) की क्षमता को दोगुना करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को आदेश देते हुए कानपुर (Kanpur) में जीएसवीएम, रामा मेडिकल कॉलेज और नारायणा मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं में बढ़ोतरी किए जाने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ (Lucknow), प्रयागराज (Prayagraj), मुरादाबाद (Moradabad), झांसी (Jhansi), कानुपर सहित संक्रमण से अति प्रभावित करीब 12 जिलों में आईसीयू और आइसोलेशन बेड्स की क्षमता को दोगुना किया जाएगा।

      सीएम ने प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को और बेहतर करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के निर्देश के बाद ही तय समय सीमा में राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई में 20 हजार लीटर का लिक्विड ऑक्‍सीजन प्‍लांट लगाया गया। इसके साथ ही अन्‍य नौ नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में डीआरडीओ का सहयोग मिल रहा है। भारत सरकार के स्तर से भी ऑक्सीजन आपूर्ति की मॉनिटरिंग की जा रही है। सीएम ने आला अधिकारियों का आदेश देते हुए ऑक्सीजन के संबंध में अगले 15 दिनों की अनुमानित मांग के अनुरूप उपलब्धता बनाए रखने को कहा है। प्रदेश के प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप होने के आदेश भी सीएम ने जारी किए हैं।

    सिलेंडर क्रय करने की प्रक्रिया में न करें देरी : सीएम

    प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी न हो इस पर तत्काल कार्यवाही की जाए। सीएम ने टीम-11 को निर्देश देते हुए कहा कि सिलेंडर क्रय करने की प्रक्रिया में कतई देरी न की जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ऑक्सीजन की आपूर्ति और वितरण के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करें। इसके साथ ही सीएम ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग कंट्रोल रूम निरन्तर कार्यशील रहते हुए रेमडेसिविर सहित विभिन्न औषधियों की उपलब्धता पर लगातार नजर रखें इसके निर्देश दिए हैं। रेमिडीसीवीर की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार उत्पादनकर्ता कम्पनियों से संवाद स्थापित करते हुए मांग भेजी जाए। प्रदेश में किसी भी दशा में यह सप्लाई चेन बाधित न हो इसको सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री औषधियों की उपलब्धता और आपूर्ति की पूरी चेन पर नजर रखें। इसकी लगातार समीक्षा किए जाने के निर्देश भी सीएम ने दिए हैं। प्रदेश के सभी जिलों के सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी के उपकरणों का परीक्षण करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।