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 लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath)  ने हाथरस (Hathras) में दलित युवती के साथ हुये कथित सामूहिक बलात्कार (Hathras Rape Case) और बाद में इलाज के दौरान हुई उसकी मौत के मामले में बुधवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसके अध्यक्ष उप्र शासन के गृह सचिव भगवान स्वरूप होंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी। मुख्यमंत्री ने हाथरस की घटना के लिये दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के निर्देश भी दिये हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये एक ट्वीट के मुताबिक, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस की घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गयी है, जिसमें अध्यक्ष सचिव गृह, भगवान स्वरूप होंगे जबकि पुलिस उप महानिरीक्षक चंद्रप्रकाश व सेनानायक,पीएसी आगरा, पूनम सदस्य होंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी।” मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये अन्य ट्वीट के मुताबिक, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना में फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं।”

उधर हाथरस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि युवती का अंतिम संस्कार बीती रात दो बजे परिजनों की सहमति से पुलिस बल के साथ किया गया। हाथरस जिले में गत 14 सितम्बर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और गला दबाये जाने की घटना की शिकार हुई 19 वर्षीय दलित युवती ने मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लवकुश और रवि नामक युवकों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था। विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला दबाया था।