लखनऊ. योगी सरकार (Yogi Government) ने यूपी (UP) में सबसे बड़ा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर (Health Infrastructure) तैयार किया है। कुछ साल पहले तक चिकित्सा सुविधाओं के मामले में फिसड्डी माने जाने वाले राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल दी है। महज 12 राजकीय मेडिकल कालेजों से काम चला रहे प्रदेश को 30 नए राजकीय मेडिकल कालेज की सुविधा से लैस कर दिया। योगी सरकार ने प्रदेश के 7 नए मेडिकल कालेजों में पढ़ाई शुरू कराई। एमबीबीएस की 700 सीटें बढ़ा कर न सिर्फ चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाया, बल्कि युवाओं के लिए मेडिकल क्षेत्र की राह आसान की। अयोध्या, बस्ती समेत 5 जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कालेज बनाया। एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थ नगर, देवरिया, गाजीपुर और मिर्जापुर जैसे जिलों को मेडिकल कालेज संस्थान की सुविधा से लैस करने के लिए 8 नए मेडिकल कालेजों का निर्माण शुरू कराया।
सीएम योगी की पहल पर ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सेवाओं का सबसे बड़ा नेटवर्क खड़ा किया गया। प्रदेश में कुल 937 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालन के साथ 29 नए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण शुरू करवाया गया। प्रदेश में कुल 3691 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालित होने के साथ 114 निर्माणाधीन हैं।
सरकार पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करा रही है
चार साल में सीएम योगी का सबसे ज्यादा जोर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर रहा, ताकि राज्य के लोगों को इलाज के लिए लंबी दूरी न तय करनी पड़े। उत्तर प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्टक्चर को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने जमीनी स्तर पर कार्य किए। साल 2017 में जहां प्रदेश के महज 12 जिलों में राजकीय मेडिकल कालेज संस्थान थे वहां आज 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज संस्थान बनाए जा रहे हैं। साल 2017 के पहले 16 ऐसे जनपद थे, जहां राजकीय अथवा निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं वहां सरकार पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करा रही है।
गांव, गरीब, किसान के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे बड़ा नेटवर्क
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से सबसे ज्यादा परेशान होने वाले ग्रामीणों, किसानों, मजदूरों और गरीबों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने चार साल में ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सेवाओं का सबसे बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी की। प्रदेश में 937 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित करते हुए 29 नए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्य करवा रही है। प्रदेश में कुल 3691 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं जिसमें 114 निर्माणाधीन हैं। योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित की। अस्पतालों को जांच और इलाज की आधुनिक सुविधाओं से लैस किया। ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाते हुए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 5,395 करोड़ रुपए, आयुष्मान भारत योजना के लिए 1300 करोड़ रुपए, आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है।
दुर्घटना में घायलों के इलाज के लिए बढ़ाए बेड
प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारण मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए लेवल-1 के ट्रामा सेंटर्स में बेड का विस्तार किया। एसजीपीजीआई व केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के भार को ध्यान में रखते हुए बेड्स एवं वेन्टीलेटर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी की, जिससे सुविधाओं में इजाफा हुआ है।