Competition to contest Parashuram more than Ram now in political parties of UP
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब राम से भी ज्यादा परशुराम पर दावेदारी की जंग तेज हो गयी है. विधानसभा चुनावों के पहले छिड़ी सियासी जंग के केंद्र में अब राम नहीं बल्कि परशुराम हैं. सियासी दलों में किसके परशुराम को लेकर दावों को धार दी जा रही है. सपा के परशुराम की मूर्तियां लगवाने के ऐलान पर मायावती बिफरीं हैं तो भाजपा ने ब्राह्म्णों को सदन व सरकार में भागीदारी का सवाल उठा दिया है. रविवार को मायावती ने ट्वीट कर सपा के ब्राह्म्ण प्रेम पर हमला बोला तो शनिवार देर शाम भाजपा सरकार में मंत्री सतीश द्विवेदी ने अखिलेश यादव से पूंछा कि वो विधान परिषद व राज्यसभा में कितने ब्राह्म्णों को भेज रहे हैं. बताते चलें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से ब्राह्मणों को लेकर सियासत काफी चर्चा में है. सपा ने ब्राह्मणों को रिझाने के लिए राजधानी लखनऊ में भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगाने का निर्णय लिया है. और इसकी जिम्मेदारी अखिलेश सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा को दी गयी है.  

सूबे की सियासत में तेरे राम तो मेरे परशुराम के बीच मचे घमासान का केंद्र ब्राह्मण बना है. शनिवार को सत्तारूढ़ दल के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी ने समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण कार्ड पर हमला बोलते हुए तीखी प्रतिक्रया दिया तो पूर्वांचल के गोपीगंज से निषाद पार्टी के एकमात्र विधायक विजय मिश्रा के एक विडिओ को शेयर करके कांग्रेस के जितिन प्रसाद ने योगी सरकार से जवाब माँगा है. उक्त विडिओ में विधायक विजय मिश्रा ने योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी बताया और कहा कि हमारे ऊपर गलत तरीके से मुकदमे लादे जा रहे हैं और मुझे फंसाया जा रहा है. सरकार की सह पर अधिकारियों की मनमानी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मेरा अपराध केवल इतना है कि मैं ब्राह्मण हूँ.        

सपा मुखिया अखिलेश यादव को निशाना बनाते हुए द्विवेदी ने ट्वीट कर कहा कि ब्राह्मणों को बुद्धू मत समझिये. उन्होंने आगे लिखा कि ब्राह्मण राष्ट्र भक्त होता है विकास का पक्षधर होता है, नीतियों और कार्यक्रमों से जुड़ता है, उसे प्रलोभन देकर अपमानित न  करें. राम मंदिर का विरोध और भगवान परशुराम को वोट के लिए इस्तेमाल करने का आपका सपना पूरा नहीं होगा. एक दूसरे ट्वीट  में  बेसिक शिक्षा मंत्री ने सपा मुखिया से सवाल किया कि उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण जानना चाहता है कि आप की पार्टी की  स्थापना से लेकर आज तक कितने ब्राहमण राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, कितने जिलाध्यक्ष  ब्राह्मण हैं. तथा लोकसभा चुनाव में कितने ब्राह्मणों को टिकट दिया था. मंत्री ने सवाल किया है कि आप की सरकार के समय कितने आयोगों और निगमों के अध्यक्ष ब्राह्मण थे. तथा लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा किस जाति  के लोगों का सर्वाधिक चयन हुआ. यह भी पूछा आपकी पार्टी में जिन ब्राह्मण नेताओं माता प्रसाद पांडे अभिषेक मिश्रा को ब्राह्मणों को जोड़ने का काम सौंपा गया हैं उन्हें भी लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए योग्य क्यों नहीं समझा गया. इसके अलावा मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि आने वाले दिनों में सपा अपने कोटे की राजसभा विधान परिषद की सीटों पर कितने ब्राह्मण  नेताओं को भेजने वाली है.

इसके अलावा विकास दूबे एनकाउंटर के बाद योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने एक बयान जारी कर ब्राह्मणों को भाजपा के साथ रहने का दावा किया था. तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण चेहरे व प्रबुद्ध वर्ग के मुखिया विधायक मनोज पाण्डेय ने भी जिलों में क्रांतिकारी मंगल पाण्डेय व भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाये जाने की बात कही है. वहीँ लम्भुआ से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय भी भगवान् परशुराम को लेकर काफी दिनों से सक्रिय हैं.

-राजेश मिश्र