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– राजेश मिश्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा की आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर देश की सबसे पुरानी पार्टी और सूबे में सियासी ज़मीन तलाश रही कांग्रेस ने अन्य दलों के मुकाबले एक कदम आगे बढ़ते हुए उपचुनाव की आठ विधानसभा सीटों में से दो के लिए रविवार को उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. पार्टी ने बांगरमऊ विधानसभा सीट से आरती वाजपेयी को उम्मीदवार बनाया है, तो स्वार विधानसभा सीट पर हैदर अली खान को नामित किया है.

इस तरह दो विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली कांग्रेस पहली पार्टी बन गयी है. बांगरमऊ और स्वार की सीट पर कांग्रेस को ब्राह्मणों की नाराजगी और अल्पसंख्यकों के समर्थन की आस दिख रही है. बांगरमऊ सीट पर ब्राह्मण और स्वार सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का रुझान ही निर्णायक साबित होता रहा है.कांग्रेस ने इन दोनों जगहों पर जिन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, वह पुराने कांग्रेसी होने के साथ ही क्षेत्र के दिग्गज राजनीतिक घरानों से भी हैं.

इस उपचुनाव में कांग्रेस की बांगरमऊ विधानसभा सीट से जहां आरती के जरिये गोपीनाथ दीक्षित और देश के गृहमंत्री रहे स्व उमाशंकर दीक्षित की विरासत पर नज़र है, वहीं एक समय सूबे के कद्दावर ब्राह्मण चेहरा और कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली मंत्री रहे गोपीनाथ दीक्षित तथा स्व उमाशंकर दीक्षित के जरिये उत्तर प्रदेश में नाराज़ चल रहे ब्राह्मणों को भी साधने का काम किया है. उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीट, कांग्रेस का यहाँ प्रतिष्ठित कांग्रेसी ब्राह्मण परिवार की सदस्य आरती बाजपेयी पर दांव  

आरती वाजपेयी के दादा व पिता दोनों कांग्रेसी रहे और कांग्रेस सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे. आरती पांच बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके व प्रदेश की कांग्रेस की सरकारों में मंत्री रहे स्वर्गीय गोपीनाथ दीक्षित की बेटी हैं. इनके दादा उमा शंकर दीक्षित के भी गांधी-नेहरू परिवार से नज़दीकी संबंध रहे हैं और केंद्र की कांग्रेस सरकार में वह मंत्री साथ ही कर्नाटक व पश्चिमी बंगाल के गवर्नर भी रहे हैं. उमाशंकर दीक्षित दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित के ससुर थे.

 आरती गोपीनाथ दीक्षित की पुत्री और उमाशंकर दीक्षित की पौत्री हैं. उमाशंकर दीक्षित के भतीजे गोपीनाथ दीक्षित यहां से छह बार विधायक रहे और उन्होंने क्षेत्र में कई विकास कार्य कराए हैं. उन्होंने उन्नाव के सर्वाधिक पिछड़े इलाके बांगरमऊ में नवोदय विद्यालय, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर और बड़ी मंडी बनवाने के साथ अन्य तमाम काम कराए थे.

रामपुर जिले की  सवार विधानसभा सीट, दो बार की सांसद रहीं बेगम नूर बानो और रामपुर से पांच बार सांसद रहे मिक्की मियां के पोते हैदर अली पर दांव हैदर अली खान कांग्रेसी परिवार से ताल्लुक रखने वाली व दो बार की सांसद रहीं बेगम नूर बानो और रामपुर से पांच बार सांसद रहे मिक्की मियां के पोते हैं. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी नूर बानो दो बार सांसद चुनी गईं थीं.

हैदर अली खान के पिता काज़िम अली भी कांग्रेस की टिकट से पांच बार जीतकर प्रदेश विधानसभा में मंत्री भी रहे हैं. 2012 में वह इसी सीट से विधायक चुने गए थे लेकिन 2017 में अब्दुल्ला आज़म खां से चुनाव हार गए थे. रामपुर की स्वार सीट पर नवाब रामपुर रहे ज़ुल्फ़िकार अली खां उर्फ मिक्की मियां की तीसरी पीढ़ी सियासी पारी शुरू कर रही है.

दरअसल, उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के एक दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए जाने से खाली हुई थी. कुलदीप सेंगर सपा छोड़ भाजपा में आये थे. वहीं, रामपुर जिले में स्वार विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के मौजूदा सदस्य अब्दुल्ला आज़म की अयोग्यता अपने दस्तावेजों में कथित रूप से अपनी जन्मतिथि को गलत दर्शाये जाने के कारण रिक्त हुई थी. उत्तर प्रदेश के इन उपचुनावों को लेकर जहां कांग्रेस सबसे आगे है तो वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी भी अपने माईक्रोमैनेजमेंट के तहत अंदरखाने अपनी तैयारीयों को मूर्त रूप देने में जुटी है.

दरअसल, इन 8 विधानसभा सीटों के उपचुनाव फिलहाल सूबे के सियासी दलों के लिए साख की लड़ाई बन चुकी है. हांलांकि, आठ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि यह उपचुनाव भी बिहार के विधानसभा चुनाव के आसपास ही होंगे.

उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों जिन पर उपचुनाव होना है इनमें अमरोहा जिले की नौगावां सादात, बुलंदशहर, फिरोजाबाद जिले की टुंडला, रामपुर जिले की स्वार, उन्नाव जिले की बांगरमऊ, कानपूर देहात की घाटमपुर, जौनपुर की मल्हनी और देवरिया की सदर सीट शामिल है.

गौरतलब है कि, कांग्रेस ने उपचुनाव की हर सीट के लिए एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उम्मीदवारों की लिस्ट का चयन कर हाई कमान को भेजा जा रहा है. घाटमपुर (सु) सीट की ज़िम्मेदारी पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, पूर्व मंत्री आरके चौधरी व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित को दी गई है.

मल्हनी सीट के लिए पूर्व विधायक अजय राय, राम जियावन व पार्टी के महासचिव मकसूद खान को जिम्मेदारी दी गई है. देवरिया सदर सीट की ज़िम्मेदारी पूर्व विधायक नदीम जावेद, पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान व पार्टी के महासचिव विश्वविजय सिंह, बांगरमऊ सीट की ज़िम्मेदारी कानपुर कैंट से विधायक व प्रदेश उपाध्यक्ष सुहैल अख्तर अंसारी, पूर्व विधायक  संजीव दरियाबादी और महासचिव  विवेकानन्द पाठक को सौंपी गई है.

पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व मंत्री दीपक कुमार और प्रदेश महासचिव  बदरूद्दीन कुरैशी टूण्डला विधानसभा, नौगावां सादत के लिए पूर्व सांसद प्रवीन सिंह ऐरन, विधायक  नरेश सैनी, प्रदेश महासचिव  अली यूसुफ अली और बुलंदशहर के लिए पूर्व सांसद  हरेन्द्र मलिक, विधायक मसूद अख्तर, कांग्रेस महासचिव विदित चौधरी प्रत्याशियों का चुनाव करेंगे. स्वार विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी पूर्व सांसद  राशिद अल्वी, पूर्व विधायक नरेन्द्र पाल गंगवार और कांग्रेस महासचिव ब्रह्मस्वरूप सागर को सौंपी गई है.