Ajay Kumar Lallu

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भदोही (उप्र). उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को बृहस्पतिवार को सोनभद्र के उभ्भा गाँव में पिछले साल हुए नरसंहार की बरसी पर शासन की अनुमति के बगैर जाते हुए गोपीगंज इलाके में हिरासत में ले लिया गया। देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने सहित कई अन्य मामलों को देखते हुए अजय कुमार लल्लू को वापस जाने के लिए कहा गया था। नहीं मानने पर उन्हें उनके पांच साथियों के साथ जिले में गोपीगंज स्थित एक गेस्ट हाउस में रोका गया।

लल्लू ने जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओ को वहां जुटने के लिए कहा, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर सीतामढ़ी गेस्ट हाउस ले जाया गया। हिरासत में लिए गए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के पक्ष में सीतामढ़ी क्षेत्र स्थित सीता समाहित स्थल पर जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भजन कीर्तन करने के बाद जानकी मंदिर पर ही लोगों ने मोमबत्ती जलाकर उभ्भा काण्ड में मारे गए लोगों को श्रृद्धांजलि दी। पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और अनुशासन समिति के अध्यक्ष अजय राय, भदोही जिले के कांग्रेस प्रभारी विवेकानंद पाठक तथा भदोही, मिर्ज़ापुर, जौनपुर, प्रयागराज के जिला अध्यक्ष और कई पदाधिकारियों सहित 75 से अधिक कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और महामारी अधिनियम के तहत कोइरौना थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि शाम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू और उनके साथियों को उनके वाहनों से भदोही-प्रयागराज जिले के सीमावर्ती भीटी इलाके में पुलिस की कड़ी निगरानी में वापस पहुंचाया गया जहां से वे बस्ती जिले को रवाना हो गए। इस बीच, लल्लू ने संवाददाताओं से कहा कि वह सोनभद्र के उभ्भा गांव में पिछले साल विवादित जमीन पर कब्जे को लेकर दबंगों द्वारा गोली मारकर 10 लोगों की हत्या की वारदात की बरसी पर मृतकों को श्रद्धांजलि देने जा रहे थे, मगर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने कहा कि कि वह मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने जा रहे थे और एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ—साथ विधायक होने के नाते यह उनका संवैधानिक अधिकार है। लल्लू ने कहा कि पिछले वर्ष आदिवासी और दलितों का जो नरसंहार हुआ उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन शहीद परिवारों के नाम भूमि का आवंटन तो दिखावे के लिए कर दिया मगर आज भी कई लोगों को भूमि पर कब्ज़ा नहीं मिला है।

उन्होंने बताया कि ऐसी भी सूचना मिली है कि शुक्रवार को नरसंहार की बरसी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उभ्भा गाँव जा सकते हैं और प्रदेश में कई मंत्री सभा कर रहे हैं, तो कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शहीदों को श्रृद्धांजलि क्यों नहीं दे सकते? गौरतलब है कि पिछले साल सोनभद्र की घोरावल तहसील के उभ्भा गांव में ग्राम प्रधान और उसके सहयोगियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर 10 गोड़ आदिवासियों की हत्या कर दी थी तथा 29 अन्य को घायल कर दिया था। (एजेंसी)