Yogi
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    राजेश मिश्र

    लखनऊ. सोमवार को विधानसभा में वर्तमान सरकार का आखिरी बजट (Budget) पेश करते हुए योगी सरकार (Yogi Government) ने इसे प्रदेश के समग्र विकास को समर्पित किया। बजट में किसानों (Farmers) से लेकर विभिन्न विकास परियोजनाओं (Development Projects) के लिए जमकर धन का आवंटन करते हुए युवाओं का खास ध्यान रखा गया है तो वहीं सरकार के धार्मिक एजेंडे को भी धार दी गयी है।

    उत्तर प्रदेश सरकार का बजट इस बार 5.50 लाख करोड़ रुपए का है, जो पिछले बजट के 5.12 लाख करोड़ रुपए से करीब सात फीसदी से ज्यादा है। बजट में नयी योजनाओं के लिए 27598 करोड़ रुपए की नई योजनाओं के लिए आवंटित किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा 90729 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.17 फीसदी है पिछले बजट में यह 2.97 फीसदी था। राज्य की ऋणग्रस्तता सकल घरेलू उत्पाद का 28.1 फीसदी अनुमानित है।

    अयोध्या, वाराणसी के लिए 100-100 करोड़

    इस बार के बजट में भी प्रदेश सरकार ने धार्मिक एजेंडे को धार देते हुए अयोध्या, वाराणसी के लिए 100-100 करोड़ रुपए तो विंध्याचल और नैमिषायरण्य के लिए 30 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। चित्रकूट में पर्यटन विकास की विभिन्न परियोजनाओं के लिए 30 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के लिए 1175 करोड़ रुपए तो जेवर हवाई अड्डे के लिए 2000 करोड़ रुपए और अयोध्या के श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 101 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। कोविड टीकाकरण अभियान के लिए बजट में 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है।

    गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 860 करोड़

    अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर एक बार फिर से जोर देते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के 1107 करोड़ रुपए, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 1492 करोड़ रुपए और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 860 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे में जमीन अधिग्रहण के लिए सालाना बजट में 7200 करोड़ रुपए की धनराशि का आवंटन किया गया है, जबकि निर्माण कार्यों के लिए 489 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है।

    सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए बजट में 4135 करोड़

    एक्सप्रेस-वे से इतर लोकनिर्माण विभाग के आधीन सड़कों पर पुलों के निर्माण के लिए सालाना बजट में 12441 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए बजट में 4135 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं, जबकि रेलवे ओवरब्रिजों के निर्माण के लिए 1192 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। निष्प्रयोज्य संपत्तियों को लाभकारी बनाने के लिए बजट में बंद पड़ी सरकारी कताई मिलों की खाली पड़ी जमीन पर निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर औद्योगिक पार्क बनाने का एलान कर करते हुए सालाना बजट में इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 

    अभ्युदय योजना के छात्रों को टैबलेट दिए जाने का एलान

    प्रदेश के 23 सरकारी बस स्टेशनों का विकास भी पीपीपी मोड में किया जाएगा। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए इस बार भी 250 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जबकि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जल्दी ही शुरु की गयी कोचिंग की अभ्युदय योजना के छात्रों को टैबलेट दिए जाने का एलान किया गया है। सालाना बजट में यमुना एक्सप्रेस वे में जेवर एयरपर्ट के पास इलेक्ट्रानिक सिटी व बुंदेलखंड के रक्षा गलियारे में डिफेंस इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना का एलान किया गया है। राजधानी लखनऊ में नादरगंज में एयरपोर्ट के सामने 40 एकड़ जमीन पर पीपीपी माडल पर सूचना प्रौद्योगिकी सेंटर बनाया जाएगा।

    स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए भी 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था

    प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के क्रियान्वन में देश में पहले स्थान पर काबिज प्रदेश ने सालाना बजट में इसके लिए 10029 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जबकि शहरों के विकास के लिए अमृत योजना को 2200 करोड़ रुपए दे गए हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए भी 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। कानपुर मेट्रो के लिए 597 करोड़ रुपए, आगरा मेट्रो को 478 करोड़ जबकि वाराणसी व गोरखपुर के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सिंचाई की विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बजट में 3098 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है।

    जल जीवन मिशन के लिए भारी भरकम बजट का आवंटन 

    गांवों में पाइप से पेयजल पहुंचाने वाले जल जीवन मिशन के लिए 15000 करोड़ रुपए भारी भरकम बजट का आवंटन किया गया है वहीं शहरी क्षेत्र के ले 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना बीमा के लिए 600 करोड़ रुपये, मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये और रियायती दरों पर फसली कर्ज के लिए 400 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। वित्तमंत्री खन्ना ने बताया कि बजट का आकार 550270.78 करोड़ रुपए का है जिसमें 27598 करोड़ रुपए की नई योजनाएं शामिल हैं। बजट में कुल प्राप्तियां 506181.84 लाख करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 4.18 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियां शामिल हैं। कर राजस्व की प्राप्ति का अनुमान 3.05 लाख करोड़ रुपए का है जिसमें केंद्रीय करों की हिस्सेदारी 1.19 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित है।जीएसटी एवं वैट से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 1.04 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जबकि आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 41500 करोड़ रुपए रखा गया है। स्टांप और पंजीकरण शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 25500 करोड़ रुपए रखा गया है।