Festive atmosphere in Mathura for the foundation stone of Ram temple in Ayodhya

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मथुरा. अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के शिलान्यास की खुशी श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में भी दिखाई दे रही है और पांच अगस्त को कृष्ण जन्मस्थान पर स्थित भगवान केशवदेव भगवान राम के रूप में ही दर्शन देंगे क्योंकि कान्हा के गांव में भी उस प्रकार के उल्लास का माहौल है जैसा कि अयोध्या में नजर आ रहा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने इसकी जानकारी दी है। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि यह तय किया गया है कि मथुरा में भी अयोध्या के समान ही राम मंदिर के शिलान्यास के समान अनेक प्रकार के आयोजन किए जाएंगे। श्रीकृष्ण की पुण्य जन्मभूमि ऐसे दिव्य अवसर की साक्षी-सहभागी बनेगी और जो भक्तजन अयोध्या धाम नहीं जा पाये हैं वे उस आनन्द को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर ही प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि इसके लिए संपूर्ण कृष्ण जन्मभूमि मंदिर प्रांगण में केसरिया ध्वजा, बन्दनवार, तोरण आदि लगाए गए हैं और अयोध्या में आयोजित कार्यक्रमों के अनुरूप ही कृष्ण-जन्मभूमि पर भी तीन अगस्त से ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन आरंभ हो गया है, जो 5 अगस्त को आधारशिला पूजन के समापन तक चलेगा। शर्मा ने बताया, ‘तीन अगस्त सोमवार को कृष्ण जन्मस्थान पर विराजित अति प्राचीन श्रीअन्नपूर्णेश्वर महादेव का भव्य पूजन-अभिषेक किया गया। इस मंदिर का हाल ही में सौन्दर्यीकरण कराया गया है। इसी क्रम में आज (मंगलवार) भागवत-भवन स्थित श्रीराम मन्दिर के सम्मुख श्रीरामचरित मानस का अखण्ड पाठ आरंम्भ कर दिया गया है जो कल (5 अगस्त को) प्रातः 9 बजे सम्पूर्ण होगा।’

उन्होंने बताया, ‘कल जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुनीत मुहूर्त में श्रीराम मन्दिर आधार शिला-पूजन करेंगे, उस पुण्य घड़ी में श्रीकृष्ण-जन्मस्थान पर भव्य आरती का आयोजन किया जायेगा। भगवान की आरती के साथ ही संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़े, घण्टे-घड़ियाल, झांझ-मृदंग, मंजीरों की मधुर ध्वनि से गुंजायमान हो उठेगा। ऐसी मंगल ध्वनि और दीपों के अलौकिक प्रकाश से अयोध्या और मथुरा नगरी समभाव से भक्तों को कृत-कृत्य करेंगी। पूर्णावतार-प्रेमावतार-रसावतार लीला पुरुषोत्तम, मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दर्शन देकर दोनों पुरियों के एकात्म भाव को प्रकट करेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का शुभारम्भ भारत की सनातन संस्कृति में निहित विश्व कल्याण के भाव को पुष्ट करेगा। देव-देवाधिदेव-महादेव भी जिस तिथि की प्रतीक्षा कर रहे थे, ऐसे दिव्य राम मंदिर के शिलान्यास की तिथि करोड़ों सनातन धर्मावलम्बियों के लिए परमानन्द का दिवस है।’ (एजेंसी)