Ramzan-2021
Credit: PTI

    Loading

    लखनऊ: पूरे देश सहित उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी कोरोना संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही, वैक्सीनेशन (Vaccination) की रफ्तार भी तेज हो रही है। किंतु एक नया मसअला खड़ा हो गया कि रमजान (Ramadan) के पवित्र महीने में रोजे के दौरान क्या कोरोना की वैक्सीन लगाई जा सकती है? सवाल का बिंदु यह है कि क्या टीका लगवाने से रोजा टूट जाएगा? इसे लेकर लखनऊ (Lucknow) की मरकजी चांद कमेटी दारुल उलूम फरंगी महल (Markz Chand Committee Darul Uloom Farangi Mahal) ने एक फतवा जारी किया है। यह फतवा अब चर्चा का विषय बना हुआ है।

    फरंगी महल ने जारी फतवे में कहा है कि, कोरोना वैक्सीन इंसानी बदन में दाखिल होता है ना कि पेट के अंदर। इसलिए वैक्सीन लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा। मुसलमानों को केवल रोजे की वजह से कोविड-19 का टीका लगवाने में देरी नहीं करनी चाहिए।

    फिरंगी महल द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि, भोपाल निवासी अब्दुर्र रशीद किदवई ने दारुल इफ्ता से यह सवाल किया कि जब कोरोना संक्रमण जैसी भयंकर महामारी अपने तेजी से बढ़ रही है और मैंने बचाव के लिए वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है। दूसरी वैक्सीन के लिए दिया गया टाइम रमजान के बीच है तो क्या रोजे के समय वैक्सीन की दूसरी डोज ली जा सकती है।

    इसके जवाब में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने फतवा जारी किया। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि, कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने से रोजा टूटने का कोई डर नहीं। तो इस भयंकर महामारी से बचने के लिए वैक्सीन अवश्य लगवाएं। इस फतवे पर इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद समेत कई मौलानाओं के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं।

    fatwa

    Darul Ulm Firangi Mahal