मथुरा (उप्र). उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा जनपद (Mathura Janpad) में श्री कृष्ण जन्मस्थान (Shri Krishna’s Birthplace) व शाही ईदगाह मस्जिद भूमि विवाद मामले (Shahi Idgah Mosque Land Case) में पांच अन्य लोगों ने याचिका दायर की है, जिन्हें एक स्थानीय अदालत ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
याचिकाकर्ताओं में से एक ने भगवान केशवदेव के प्रतिनिधि के रूप में याचिका दायर कर शाही ईदगाह मस्जिद को मंदिर की कथित भूमि से हटाने तथा यह भूमि भगवान केशवदेव को वापस सौंपने का अनुरोध किया है। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने शुक्रवार को बताया, “कृष्ण जन्मभूमि मामले में ‘श्रीकृष्ण विराजमान’ के बाद बुधवार को एक अधिवक्ता ने ‘भगवान केशवदेव’ के प्रतिनिधि के तौर पर मथुरा में सिविल जज (प्रवर वर्ग) की अदालत में याचिका दायर की है।”
उन्होंने बताया, “याचिका के जरिए अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के साथ यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और धर्म रक्षा संघ ने अदालत से मंदिर की सम्पूर्ण भूमि का मालिकाना हक सौंपे जाने का अनुरोध किया है। इस संबंध में बुधवार को दीवानी न्यायाधीश की अदालत में एक मामला (950/2020) दायर किया गया।”
वादी के अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया, “इस मामले में एक वाद केशवदेव की ओर से सिविल जज नेहा बानौदिया की अदालत में दायर किया गया है।” उन्होंने बताया, “वादी ने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह मस्जिद की मूलवाद संख्या — 43, सन 1967 राजीनामा के आधार पर 12 अक्टूबर 1968 से ही शून्य (अमान्य) हो चुकी है। इस आधार पर प्रतिवादी इंतजामिया कमेटी शाही ईदगाह के सचिव और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन आदि किसी का भी कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर कोई हक नहीं बनता है।” अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने उनके मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 जनवरी तय की है।