Fearing Kovid-19, sons prevent elderly mother from entering home
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    प्रयागराज: कोरोना महामारी (Corona Epidemic) से पैदा हुई परिस्थितियों से कोई सबसे अधिक प्रभावित हुआ है तो वे हैं घर के बड़े बुजुर्ग। ऐसे ही बुजुर्गों की दिलचस्प और प्रेरक कहानियों का संग्रह है कोरोनानामा जिसका विमोचन जल्द ही दादी दादा फाउंडेशन (Dadi Dada Foundation)  करेगा। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण (Vaccination) पर मंगलवार को यहां आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में एनजीओ दादी दादा फाउंडेशन के निदेशक मुनि शंकर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित “कोरोनानामाः बुजुर्गों की अनकही दास्तां” ( Coronanama: The Untold Tales of the Elderly) में बुजुर्गों की कुल आठ सच्ची कहानियां हैं जो लखनऊ, जयपुर आदि शहरों में बुजुर्गों की कोरोना से जंग पर लिखी गई हैं।     

    उन्होंने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की घोषणा होने के साथ ही उनका फाउंडेशन बुजुर्गों के टीकाकरण के कार्य में जुट गया। दादी दादा फाउंडेशन के कार्यकर्ता टीकाकरण पर जागरूकता कार्यक्रम एक वर्ष तक चलाएंगे। मुनि शंकर ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच टीका आशा की किरण बनकर आई है और हर किसी को टीकाकरण के लिए आगे आना चाहिए।

    हालांकि शहरों में टीका लगवाने को लेकर लोगों में उत्साह है, जबकि ग्रामीण इलाकों में लोग उदासीन हैं। यह उदासीनता जागरूकता फैलाकर ही दूर की जा सकती है।