दंगा फैलने के आरोप में पकड़े गए सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, सभी पर देशद्रोह का मामला दर्ज 

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लखनऊ: हाथरस मामले (Hathras Case) में जातीय हिंसा फैलने वाले के आरोप में पकडे गए सभी चार आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. चारों पार पुलिस ने खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने और दंगा भड़काने की साजिश रचने, देशद्रोह, विदेशी फंडिंग का देश विरोधी गतिविधियों का संचालन करने का मुकदमा दर्ज किया है. इन चारों का संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) संगठनों से है. 

ज्ञात हो कि हाथरस में 19 वर्षीय युवती के हत्या मामले पर ख़ुफ़िया एजेंसी ने बड़ा खुलासा किया था. जिसके अनुसार इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में जातीय हिंसा करने की साजिस रची गई थी. इस के लिए बाकायदा वेबसाइट भी तैयार की गई. दिल्ली हिंसा और बंगलुरु हिंसा में शामिल पीएफआई का नाम इस मामले में भी आया. इसी को लेकर पिछले दिनों उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगरा से चार लोगों को गिरफ्तार किया किया था.

मलेशिया से 50 करोड़ की मदद 
ईडी की शुरूआती जांच में  पता चला है कि हाथरस के बहाने दंगों की साजिश करने वाले चरमपंथी संगठन PFI को 100 करोड़ का फंड मिला था. पहली किस्ता के तौर पर 50 करोड़ रुपए मलेशिया से इन लोगों के खातों में आए थे. यह जानकारी आने के बाद एजेंसी ने अपनी जांच और तेज कर दी है.  

सरकार की छवि धूमिल करने को लेकर मामला दर्ज 
हाथरस मामले को लेकर राज्य सरकार बैकफुट पर है. विपक्ष के साथ साथ सोशल मीडिया में लोग योगी सरकार की आलोचना कर रहे हैं. पुलिस ने हाथरस जिले के चंदपा थाने में ‘अज्ञात लोगों’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. इसमें जातिगत संघर्ष भड़काने, समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सरकार की छवि खराब करने की कोशिश को प्राथमिकी का आधार बनाया गया है. इन सभी अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह (124A) का मामला भी दर्ज किया गया है.