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    राजेश मिश्र

    लखनऊ: कोरोना संक्रमण के कम होते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को बड़ी राहत मिली है। अब प्रदेश में केवल चार जिलों में ही आंशिक कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) जारी रहेगा, बाकी पूरा प्रदेश सामान्य तौर पर खुलेगा। हालांकि सभी जिलों में साप्ताहिक बंदी शनिवार और रविवार को जारी रहेगी। प्रदेश सरकार की ओर से दी गयी सूचना के मुताबिक, केवल लखनऊ (Lucknow), मेरठ (Meerut), सहारनपुर (Saharanpur) और गोरखपुर (Gorakhpur) जिलों में ही लॉकडाउन (Lockdown) बना रहेगा। रविवार को प्रदेश सरकार ने नोएडा, गाजियाबाद, वाराणसी और मुजफ्फरनगर जिलों में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 600 से कम होने के चलते आंशिक कोरोना कर्फ्यू/ लॉकडाउन हटाने का फैसला किया।

    रविवार सुबह कोरोना से रोकथाम के लिए गठित वरिष्ठ अधिकारियों की टीम-9 की बैठक करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के कम होते संक्रमण दर के मद्देनजर जिलों में कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रखने के लिए 600 एक्टिव केस का मानक तय किया गया है। अब तक 67 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट मिल चुकी है, जबकि ताजा स्थिति के अनुसार वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जिले में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से कम हो गई है। ऐसे में सोमवार से इन जिलों में भी सप्ताह में पांच दिन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। हालांकि साप्ताहिक व रात्रिकालीन बन्दी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जिलों में लागू होंगे। उन्होंने कहा कि मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर और गोरखपुर जनपद की हालात पर लगातार नजर रखी जाए। इन जिलों के संबंध में मंगलवार को विचार किया जाएगा।

    प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही

    अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक, कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। बीते 24 घंटों में प्रदेश में 36 जिलों में सिंगल डिजिट में केस आये हैं। कुल एक्टिव केस घटकर 17,900 रह गए हैं। उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में एक ओर जहां 3.10 लाख सैम्पल टेस्ट हुए, वहीं मात्र 1,165 नए पॉजिटिव केस आए। बीते 24 घण्टे में पॉजिटिविटी दर 0.4 फीसदी रही, जबकि रिकवरी दर 96.7 फीसदी हो चुकी है। सहगल ने बताया कि अब तक 2 करोड़ प्रदेशवासियों ने टीका-कवर प्राप्त कर लिया है। इनमें से 16627059 लोगों ने पहली डोज और 3627433 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। अब तक 18 से 44 आयु वर्ग के 30 लाख युवाओं को वैक्सीनेट किया जा चुका है।

    चिकित्सकों से प्रशासनिक कार्य न लेने का फैसला

    एक अन्य फैसले में सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों के बेहतर उपचार व देखभाल के लिए प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों से प्रशासनिक कार्य न लेने का फैसला किया है। अब सरकारी अस्पतालों में प्रबंधन और प्रशासन से जुड़े काम देखने के लिए पेशेवर प्रबंधकों की नियुक्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में तैनात सीएमओ, डिप्टी सीएमओ और एडिशनल सीएमओ जैसे वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के चिकित्सकीय अनुभवों का लाभ लिया जाना चाहिए। यह सभी ओपीडी में सेवाएं दें और टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दें। प्रत्येक दशा में चिकित्सकों से प्रशासनिक अथवा प्रबंधकीय कार्य न लिया जाए। इनकी तैनाती केवल चिकित्सकीय कार्य में ही होनी चाहिए।