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लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ में एक अंतर धार्मिक शादी को रुकवा दिया है। पुलिस ने ‘लव जिहाद’ को रोकने के नाम पर योगी सरकार द्वारा लाए गए कानून का हवाला देते हुए शादी को रोका। इस शादी को दोनों परिवार के लोगों की सहमति थी। पुलिस का कहना है कि उन्हें हिन्दू संगठनों की तरफ से इस संबंध में शिकायत मिली थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह शादी दो दिसंबर को होने वाली थी। शादी की तैयारियां चल रही थी। इसी बीच लखनऊ के पारा पुलिस स्टेशन की एक टीम ने मौके पर पहुंच कर शादी को रोक दिया। पुलिस ने युवक-युवती को आगे बढ़ने से पहले लखनऊ जिला मजिस्ट्रेट से इसकी मंजूरी लेने के लिए कहा।

पारा पुलिस स्टेशन के एसएसओ त्रिलोकी सिंह ने बताया, कि यह शादी हिंदू और मुस्लिम दोनों परंपराओं से होने वाली थी। इस शादी के लिए दोनों परिवारों ने मंजूरी दी थी। वहां कोई जोर-ज़बरदस्ती नहीं थी।’ लेकिन हिंदू युवा वाहिनी के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और हमने शादी रुकवा दी।

पुलिस ने बताया कि 22 वर्षीय दुल्हन और 24 वर्षीय दुल्हे के परिवार वालों ने शादी के लिए जिला मजिस्ट्रेट से मंजूरी मिलने तक इंतजार करने पर सहमति जताई है।

एसएचओ के अनुसार, दोनों शादी करना चाहते हैं। मुस्लिम लड़का हिंदू बनकर शादी करना चाहता था। दोनों हिंदू रीति-रिवाज़ों के साथ शादी कर रहे थे।

गौरतलब है कि बीते 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ ले आई थी। इस अध्यादेश के अंदर 1-5 वर्ष की सजा के साथ 15 हज़ार के जुर्माने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ छल, कपट या बल से धर्म परिवर्तित के मामलों में दंड 3 वर्ष से 10 वर्ष तक है। जुर्माना 25 हज़ार है।