Haridwar and Varanasi to connect Ganga Expressway, Purvanchal Expressway to Ballia
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    राजेश मिश्र

    लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में निजी क्षेत्र औद्योगिक पार्क बनाएंगे। प्रदेश के लखनऊ(Lucknow), उन्नाव, अमेठी, सुल्तानपुर(Sultanpur), प्रतापगढ़, औरया, हमीरपुर, जालौन, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, गोरखपुर और प्रयागराज जिलों में जल्दी ही निजी क्षेत्र (Private Sector) औद्योगिक पार्क (Industrial Parks) बनाने की शुरुआत करेगा।  प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में सार्वजनिक क्षेत्र के बंद हो चुके आटो ट्रैक्टर के कारखाने की जमीन पर निजी औद्योगिक पार्क बनेगा। वहीं एक्सप्रेस-वे के किनारे भी निजी औद्योगिक पार्क बनेंगे। 

    आटो ट्रैक्टर लिमिटेड वर्ष 1972 से बंद पड़ी हैं

    प्रदेश में पहला एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल पार्क आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के नजदीक उन्नाव में बनेगा।  इस प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए जिले के करौराकलां गांव में जमीन चिन्हित की गई है। यह पार्क निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर बनाए जाएंगे। प्रतापगढ़ में आटो ट्रैक्टर लिमिटेड भूमि पर भी निजी औद्योगिक पार्क बनाए जाने की योजना है। आटो ट्रैक्टर लिमिटेड वर्ष 1972 से बंद पड़ी हैं।  इसकी 97 एकड़ भूमि पर औद्योगिक पार्क स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पीपीपी माडल पर बनाए जाने वाले निजी औद्योगिक पार्क से राज्य का औद्योगिक माहौल बदलेगा और निर्यात कारोबार में इजाफा होगा। 

    निजी पार्कों में औद्योगिक इकाइयों के लिए सभी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी

    इन निजी औद्योगिक पार्कों में टेक्सटाइल और रेडीमेड गार्मेंट, फूड प्रोसेसिंग, पर यूम, पीतल के उत्पाद, खिलौने और इलेक्ट्रानिक्स उपकरण बनाने वाले उद्योग लगाए जा सकेंगे। राज्य में बनाए जाने वाले इन निजी पार्कों में औद्योगिक इकाइयों के लिए सभी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी।  पार्क के मैन्युफैक्चरिंग जोन में लैटनुमा कारखाने और फैक्ट्री शेड होंगे। सामान्य सुविधाओं के तहत बिजनेस और शॉपिंग सेंटर, इन्क्यूबेशन सेंटर, होटल और रेस्टोरेंट, हॉस्टल, ऑफिस ब्लॉक, स्वास्थ्य और संचार सुविधाएं, पुलिस और फायर स्टेशन, आदि होंगे।  बिजली, पानी, सड़क की सुविधा के अलावा पार्क में कॉमन ए लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन लैब भी होंगे।  लॉजिस्टिक्स के तहत वेयरहाउस, कंटेनर और ट्रक टर्मिनल, रेलवे साइडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, यूल स्टेशन आदि सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।  इसके अलावा हरियाली से भरा ग्रीन जोन भी होगा।

    औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए जरूरी भूमि की सीमा को घटाया गया

    गौरतलब है कि बीते साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी क्षेत्र के औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक और वेयर हाउस बनाने वाले उद्यमियों को बड़ी सहूलियतें देने का ऐलान किया था।  जिसके तहत निजी क्षेत्र के औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए जरूरी भूमि की सीमा को घटाया गया।  इसके लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 में बदलाव किए गए हैं। ताकि प्रदेश में बुंदेलखंड और पूर्वांचल में निजी क्षेत्र के उद्यमी कम से कम 20 एकड़ जमीन में औद्योगिक पार्क बना सकें। जबकि मध्यांचल और नोएडा गाजियाबाद सहित पश्चिमांचल में निजी औद्योगिक पार्क बनाने के लिए 30 एकड़ या उससे अधिक जमीन की जरूरत होगी। 

    निजी निवेशकों को शर्तों पर जमीन का आवंटन होगा

    सरकार की इस योजना के तहत देश तथा विदेश के बड़े निवेशक सूबे में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाए के लिए आगे आएं, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर औद्योगिक विकास विभाग ने एक्सप्रेस-वे के किनारे 15 शहरों में करीब 9000 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की है।  इन एक्सप्रेस-वे के कारण माल की आवाजाही जल्द और सस्ती होगी। जल्द निजी निवेशकों को उनके विभिन्न क्षेत्रों में लगने वाली औद्योगिक परियोजनाओं के लिए उदार शर्तों पर जमीन का आवंटन होगा। बड़े निवेशकों को राज्य में लाने के लिए सरकार ने फिरोजाबाद, उन्नाव, आगरा, चित्रकूट, मैनपुरी और बाराबंकी में भी कुल 22 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की है।  निवेश के लिहाज से इन छह जिलों को उच्च संभावना वाला माना गया है।  यह छह जिले पूर्वांचल, आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के आसपास हैं।