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  • भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है- प्रियंका गांधी

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) में सियासी रफ्तार पकड़ चुकी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) लगातार भ्रष्टाचार, क़ानून व्यवस्था, किसानों, महिलाओं, मजदूरों और बेरोजगारों के मुद्दों पर योगी सरकार पर हमलावर बनीं हुईं हैं और प्रदेश की योगी सरकार को बैकफुट पर जाने को मजबूर भी किया है.

उत्तर प्रदेश में शून्य पर पहुँच चुकी और मौजूदा हाल में विपक्षी दलों में नम्बर तीन की हैसियत वाली कांग्रेस पार्टी फिलहाल प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में प्रदेश में प्रमुख विपक्ष की भूमिका अदा कर रही है. लेकिन इतना सब होने के बावजूद कांग्रेस का वर्तमान संगठन और उसकी सूबे में जमीनी पकड़ अन्य दलों के मुकाबले कुछ भी नहीं है. शायद इसीलिए गुरूवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक के संबोधन में प्रियंका गाँधी ने सबकी जिम्मेदारी तय करने और संगठन को खड़ा करने की समय सीमा भी निर्धारित किये जाने की जरूरत पर बल दिया.

उत्तर प्रदेश कि सियासत में प्रियंका गाँधी की सक्रियता का परिणाम ही रहा था कि कुछ माह पूर्व प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को सड़क पर उतर विधानसभा के सामने धरने पर बैठना पड़ा था. प्रदेश में हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस को राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाने के बाद प्रियंका गाँधी गुरूवार को केंद्र सरकार द्वारा पास किये गये श्रम विधेयक बिल और कृषि बिल को लेकर मुखर रहीं.

बताते चलें कि पीएम मोदी के जन्मदिन पर कांग्रेस के इस बेरोजगारी के मुद्दे को प्रदेश के बेरोजगार युवाओं द्वारा काफी समर्थन भी मिला था. जिसके चलते योगी सरकार अगले ही दिन सभी सरकारी विभागों में भर्तियों को लेकर एकदम सक्रिय हो उठी थी.गुरूवार को प्रियंका गांधी एकबार फिर संसद में मंजूर किये गये तीन श्रम सुधार विधेयकों को लेकर सत्ता पक्ष पर तंज किया और इसे लोगों की नौकरी पर कुठाराघात करार दिया.

प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि इस कठिन समय की मांग है कि किसी की नौकरी न जाए और सबकी आजीविका सुरक्षित रहे. परन्तु भाजपा सरकार की प्राथमिकता देखिए, सरकार अब ऐसा कानून लायी है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो गया है. उन्होने लिखा वाह री सरकार आसान कर दिया अत्याचार. प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार का काम होता है सभी लोगों की नौकरियों को सुरक्षित बनाने के लिए कानून बनाना लेकिन सरकार ने उल्टे नौकरी से हटाने के नियम ही आसान कर दिए. नए कानून के तहत 300 कर्मियों वाली कंपनी बिना इजाजत के छंटनी कर सकेगी. बुधवार को राज्यसभा से पारित हुए तीन श्रम विधेयक से कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचेगा परन्तु आम आदमी बेरोजगारी के संकट से त्रस्त हो जाएगा. 

इसके साथ ही प्रियंका गाँधी किसान बिल को लेकर भी सरकार पर हमलावर रहीं. अपने एक अन्‍‍‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा कि  भाजपा के कृषि बिल के पहले- MSP = किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price)बिल पास हो जाने के बाद- MSP = पूंजीपतियों के लिए मैक्सिमम सपोर्ट इन प्रॉफिट (Maximum Support in Profit)किसान कहां जाएगा? पारित कृषि बिल को लेकर प्रियंका का सरकार पर हमला शुक्रवार को भी जारी रहा.

शुक्रवार को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि “किसानों से MSP छीन ली जाएगी. उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा. न दाम मिलेगा, न सम्मान.किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा. भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है. हम ये अन्याय नहीं होने देंगे.”

बताते चलें कि मानसून सत्र के आखिरी दिन संसद ने श्रम सुधार से जुड़े तीन बिल को मंजूरी दिये जाने के बाद उन्होंने ट्वीट के माध्यम से यह बयान दिया. मंजूर किये गये बिल में कंपनियों को बंद करने के नियम में ढील दी गई है. और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को बिना सरकार की इजाजत के लोगों को नौकरी से हटाने के अधिकार दे दिए गए हैं.

लोकसभा से पास इस बिल को बुधवार को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. अब इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. ये बिल हैं- उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020. इनमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिक विवादों की जांच एवं निर्धारण और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी प्रावधान किए गए हैं.

प्रियंका संगठन को लेकर भी हुई सक्रिय, प्रत्येक ग्राम सभा स्तर पर संगठन तैयार करने की रणनीति तय, सबकी जिम्मेदारी तय, संगठन खड़ा करने की समय सीमा भी निर्धारित.

इसके अलावा प्रियंका गाँधी के इन कोशिशों के बावजूद प्रदेश में पार्टी को खड़ा करने के लिए जिस मजबूत संगठन की जरूरत है वह फिलहाल जमीनी स्तर पर दिखायी नहीं दे रहा है. और शायद यही वजह है कि उनका अगला फोकस संगठन को खड़ा करने को लेकर ही है. गुरूवार को ही प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सबकी जिम्मेदारी तय, संगठन खड़ा करने की समय सीमा भी निर्धारित किये जाने की जरूरत है.

जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने बूथ स्तर पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया है, जिसमें विस्तृत स्तर पर बूथ मैनेजमेंट से लेकर पार्टी के लिए फंड जुटाना तक शामिल है. इतना ही नहीं, कांग्रेस इसके लिए डोर टु डोर लोकसपंर्क अभियान भी चलाएगी. संगठन की मजबूती के लिए हर साल 1 जनवरी से 28 जनवरी तक जनसंपर्क अभियान प्रदेश इकाइयों द्वारा चलाया जाएगा. यह अभियान गांधी जयंती से शुरू होकर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर तक चलेगा.

राजेश मिश्र