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लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विगत कुछ दिनों से बेरोजगारी को लेकर योगी (Yogi Adityanath) सरकार पर प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) लगातार हमलावर बनी हुई हैं. कांग्रेस (Congress) द्वारा सरकारी विभागों में भर्तियों के लटके रहने और पांच वर्ष संविदा पर नियुक्ति के प्रस्ताव का विरोध करने और गुरूवार को प्रदेश भर में बेरोजगार युवाओं के जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को योगी सरकार भर्ती प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय हो गई. 

शुक्रवार को प्रियंका गांधी गाँधी ने ट्वीट कर कहा कि “भर्ती प्रक्रिया में चयन व तैयारी में युवा और उसके परिवार की हाड़ तोड़ मेहनत लगती है. युवाओं की महा हुंकार के बाद सरकार का जागना एक अच्छा संकेत है. कृपा करके भर्ती भरने की डेट लाइन का हाल प्रदेश को “गड्ढा मुक्त” और “अपराध मुक्त” करने कि तरह न हो, कि तारीख पर तारीख मिलती रहे. कल कृषि प्राविधिक भर्ती (एग्रीकल्चर टेक्निकल असिस्टेंट) के अभ्यर्थियों से संवाद में उन्होंने बताया था कि डेढ़ साल से ऊपर हो चुका है और उनका रिजल्ट ही नहीं आया है. आज सूचना मिली कि उनका रिजल्ट घोषित हो गया. आप सबको बधाई, युवाओं आप की आवाज में ताकत है.”

इसके पहले गुरूवार को प्रियंका गाँधी ने हाल ही में शुरू किए गए युवाओं के साथ रोजगार के मुद्दे पर संवाद शुरू किया था. गुरूवार को 2016 के 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत भी किया था. पहले बेरोजगारों का दर्द सुनने और उनके पक्ष में आवाज उठाने को लेकर उन्होंने बयान दिया कि मेरा मानना है कि सरकार को युवाओं की बात सुननी पड़ेगी और उनके मुद्दों के लिए हमें सड़क से लेकर सदन तक लड़ना होगा और कांग्रेस पार्टी इससे पीछे नहीं हटेगी.  

बेरोजगारी के मुद्दे को सरकार तक पहुचाने और बेरोजगारों से मुखातिब हो उनका दर्द सुनने के प्रियंका के इस अभियान से सकते में आयी योगी सरकार ने आनन् फानन में बैठक कर अफसरों से सभी विभागों से तत्काल ख़ाली पदों का ब्यौरा माँगा. कांग्रेस द्वारा सरकारी विभागों में भर्तियों के लटके रहने के मुद्दे को उठाने और पांच वर्ष संविदा पर नियुक्ति के प्रस्ताव के विरोध किये जाने के बाद गुरूवार को प्रदेश भर में बेरोजगार युवाओं के जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के चलते शुक्रवार को योगी सरकार भर्ती प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय हो गई.

सुबह टीम-11 की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने मुख्य सचिव सहित सभी अपर मुख्य सचिवों तथा प्रमुख सचिवों को एक सप्ताह में रिक्त पदों का पूरा विवरण उपलब्ध कराने को कहा.

प्रियंका के डंडे और रोजगार को लेकर युवाओं में नाराजगी को देखते हुए हरकत में आई सरकार ने सभी विभागों में तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया शुरू करके छह माह में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे देने के निर्देश दिए.

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी, क़ानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शाहजहांपुर से लेकर सोनभद्र तक कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गाँधी व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में सड़क पर उतर कर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. प्रियंका के इस कदम ने योगी सरकार के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया है. जीपीएफ घोटाला, कोरोना किट घोटाला और सूबे में बढती ह्त्या पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस के दिन को “राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया था. जबकि इस दिन को बीजेपी “सेवा सप्ताह” के रूप में मना रही थी. बेरोजगारी का यह मुद्दा राजधानी लखनऊ से लेकर सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर तक गूंजा था.  

शनिवार को एकबार फिर प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कहा कि युवा बहुत हताश और परेशान हैं. बेरोजगार युवा कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. प्रियंका ने 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत के बाद यह पत्र लिखा है. पत्र में लिखा है कि मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए और युवाओं के रोजगार के हक का सम्मान करते हुए, 24 शून्य जनपद के अभ्यर्थियों की तत्काल नियुक्ति करें.

प्रियंका ने अपने पत्र में लिखा कि “उत्तर प्रदेश का युवा बहुत परेशान और हताश है. कुछ दिनों पहले ही मैंने 12,460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की. इस शिक्षक भर्ती में 24 जिले  शून्य जनपद घोषित थे. यानी कि इन 24 जिलों में कोई जगह नहीं खाली थी, मगर इनके बच्चे अन्य जिलों कि वैकेंसीज के लिए परीक्षा में शामिल हो सकते थे. इन बच्चों ने परीक्षा  दी और अच्छे अंकों से पास भी हुए, परन्तु तीन साल बीत जाने के बाद भी इन प्रतिभावान युवाओं की नियुक्ति नहीं हो पायी है. ये युवा मजबूरी में कोर्ट कचेहरी के चक्कर काट रहे हैं. इनमें से कई ऐसे बच्चे हैं जिनके जीवन संघर्ष से भरे हैं, इनकी दर्दनाक कहानी सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ. मैं समझ नहीं पा रही हूँ कि सरकार ने इनके प्रति एक आक्रामक और निर्मम स्वभाव क्यों बनाया है जबकि यही उत्तर प्रदेश का भविष्य बनाने वाली पीढी है और सरकार इनके प्रति जवाबदेह है. महोदय, ये युवा बहुत परेशान हैं.

कोरोना महामारी इनके उपर और भी कहर बरपा रही है. एक तो इन्हें नौकरी नहीं मिल रही है उपर से इस महामारी में उनके सामने गहरा आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. कई अभ्यर्थी तो भयानक अवसाद में हैं. उनके उपर घर के नमक,तेल और राशन का भी बोझ है. मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए और युवाओं के रोजगार के हक का सम्मान करते हुए कृपया 24 जनपद के अभ्यर्थियों कि तत्काल नियुक्ति कराने का कष्ट करें.”

 जानकारी के मुताबिक़ सूबे के महकमों के रिक्त पदों में पीसीएस अधिकारी से लेकर जिला स्तरीय विभिन्न संवर्गों के अधिकारी के साथ ही लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, नर्स, शिक्षक, इंजीनियर, मैनेजर, चपरासी जैसे पद शामिल हैं. 

प्रियंका गाँधी और कांग्रेस की इस मुहीम से यदि सरकार गंभीर रही तो अगले छह महीने में प्रदेश के पांच लाख से अधिक बेरोजगारों को सरकारी नौकरी मिल सकती है. सरकार यदि रिक्त पद भरे तो हर तरह की योग्यता वाले युवाओं को मौका मिल सकता है. फिलहाल प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के 12.64 लाख से अधिक पदों में करीब 3.25 लाख पद खाली हैं. शिक्षकों के रिक्त पदों को भी शामिल कर लें तो यह आंकड़ा 5 लाख पार कर जाता है.

एक अप्रैल 2019 की स्थिति के अनुसार सरकारी आंकड़ों की बात करें तो शासन के विभिन्न विभागों में केवल राज्य कर्मचारियों के ही करीब 3.25 लाख पद खाली हैंइसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 69,000 पदों पर  चल रही भर्ती प्रक्रिया के बाद भी करीब 50,000 पद खाली रहेंगे. सहायता प्राप्त परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 4500 तथा लिपिक संवर्ग के 1500 पद खाली बताए जा रहे हैं.

इसी तरह माध्यमिक शिक्षा में सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों के करीब 32,000 व राजकीय विद्यालयों में करीब 6000 पद खाली हैं. उच्च शिक्षा विभाग में सहायता प्राप्त व राजकीय कॉलेजों को मिलाकर करीब 8000 पद रिक्त बताए जा रहे हैं. ऐसे में स्कूलों-कॉलेजों में रिक्त करीब 1.70 लाख पदों को शामिल कर लिया जाए तो पांच लाख से अधिक पद खाली हो जाएंगे. इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं व सहायता प्राप्त संस्थाओं में भी बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं. ऐसे में रिक्त पदों का आंकड़ा और भी अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है. 

राजेश मिश्र