यूपी में खत्म होंगी किराएदारों, मकान मालिकों की दिक्कतें, बनेगा नया कानून

Loading

– राजेश मिश्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में किराए (Rent) पर रहने वालों और मकान मालिकों, दोनों की दिक्कतें दूर होंगी. प्रदेश में किरायेदारों (Tenants) से लेकर मकान मालिकों (House Owners) को कानूनी संरक्षण (Legal Protection) मिलेगा. योगी सरकार (Yogi Government) की नई पहल के बाद मकान मालिक न तो मनमाने तरीके से किराया बढ़ा सकेंगे और न ही किरायेदार बिना भुगतान रह सकेंगे.

नए कानून से मकान मालिक और किराएदार दोनों का हित सुरक्षित

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किराएदारी को लेकर एक नया कानून लाने जा रही है. नए कानून के तहत मकान मालिक और किराएदार दोनों के हित सुरक्षित होंगे और उन्हें कानूनी संरक्षण मिल सकेगा. नया कानून लागू होने के बाद मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया भी नहीं बढ़ा पाएंगे और न ही बिना किराया चुकाए किराएदार रह सकेंगे. जल्दी ही योगी सरकार उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किराएदारी विनियमन अध्यादेश लाने जा रही है. आवास विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है, जल्द इसे मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा. 

कानून का सीएम योगी के सामने हो चुका है प्रस्तुतिकरण, मिल चुकी है सैद्धांतिक मंजूरी

नए कानून के प्रस्ताव का प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने किया जा चुका है और इसे सैद्धांतिक मंजूरी भी मिल चुकी है. किराएदारी कानून के लागू हो जाने के साथ प्रदेश में सरकार एक किराया प्राधिकरण का गठन भी करेगी. आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित कानून सरकारी उपक्रमों, स्थानीय निकायों व छावनी परिषद में लागू नहीं होगा. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक आने वाले कुछ हफ्तों में किराएदारी विनियमन अध्यादेश को मंत्रिपरिषद के सामने रखा जाएगा.

अब किराएदारों को बढ़ने वाले मनमाने किराए से मिलेगा निजात 

आवास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नए कानून के तहत सभी तरह की आवासीय संपत्तियों पर 5 फीसदी और गैर-आवासीय पर 7 फीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगा. अभी प्रदेश में मकान मालिक व किराएदार के बीच होने वाले अनुबंध में ज्यादातर में सालाना 10 फीसदी किराया बढ़ाने की शर्त रखी जाती है. अब किराएदारों को साल दर साल बढ़ने वाले मनमाने किराए से निजात मिलेगी.

दो महीने किराया न देने पर करना होगा घर खाली

नए कानून में किराएदार के लिए नियम होगा कि उसे रहने वाले स्थल की देखभाल करनी होगी. किराए की संपत्ति में होनी वाली टूट-फूट की जिम्मेदारी किराएदार की होगी. कानून में प्रावधान होगा कि अगर किराएदार दो महीने तक किराया नहीं दे पाएगा तो मकान मालिक उसे हटा सकेगा. साथ ही अब नए कानून के प्रावधानों के मुताबिक किराएदार घर में बिना पूछे तोड़फोड़ भी नहीं कर पाएगा न ही कोई स्थाई या अस्थाई निर्माण कर सकेगा.

बिना एग्रीमेंट के कोई भी मकान मालिक किराएदार नहीं रख पाएगा

नए कानून के लागू हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश में बिना एग्रीमेंट के कोई भी मकान मालिक किराएदार नहीं रख पाएगा. साथ ही मकान मालिक को किराएदार की जानकारी किराया प्राधिकरण को देनी होगी. नए कानून के तहत किराएदारी के संबंध में मकान मालिकों को तीन माह के अंदर लिखित अनुबंध पत्र किराया प्राधिकारी को देना होगा. किराया प्राधिकरण ही संपत्ति में किराएदारी से संबंधित किसी विवाद का निपटारा करेगा. हालांकि प्राधिकरण के फैसले से संतुष्ट न होने की दशा में ऊपरी अदालत में अपील की जा सकेगी.