यूपी में दाल, आलू, प्याज सब मंहगा, सरकार ने जताई चिंता

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– राजेश मिश्र

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में दाल, सब्जियों के दामों में लगातार आ रही तेजी से प्रदेश सरकार चिंतित हो गयी है. मुख्यमंत्री ने इनकी कीमतों को थामने के निर्देश दिए है और जिलाधिकारियों को विशेष नजर रखने को कहा है.

उत्तर प्रदेश की मंडियों में दाल के दामों में भारी उछाल, घटती आवक और मांग में तेजी बनी कारण लगातार घटती आवक और मांग में तेजी के चलते उत्तर प्रदेश की मंडियों में दाल के दामों में भारी उछाल देखा जा रहा है. बीते एक महीने में ही प्रदेश में अरहर दाल के दाम 50 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं. अरहर की तर्ज पर ही अन्य दालों में भी तेजी दिख रही है. बीते कुछ ही दिनों में सरसों के तेल में भी आग लग गयी है. सितंबर के शुरुआती दिनों के मुकाबले सरसो तेल के दाम भी 20 फीसदी के लगभग तेज हुए हैं.

मंडियों में चना, मसूर और मटर दाल के दाम आम आदमी की जेब के मुताबिक, पर घी, तेल, सब्जियों के दाम आसमान पर हालांकि मंडियों में चना, मसूर और मटर दाल के दाम अभी भी आम आदमी की जेब के मुताबिक ही हैं पर घी तेल से लेकर सब्जी तक के दाम कोरोना संकट के दौर में आसमान छूने लगे हैं. राजधानी लखनऊ की पांडेगंज गल्ला मंडी में एक महीने पहले तक 85 रुपये किलो बिकने वाली फूल छाप अरहर दाल के दाम इन दिनों 135 रुपये जा पहुंचे हैं. आने वाले दिनों में इसमें और भी तेजी की संभावना है. आढ़ती हरिशंकर मिश्रा बताते है कि इन दिनों अरहर दाल की खपत में भी इजाफा हुआ है जबकि आवक घटी है. भंडारों में अरहर दाल बहुत कम है और इसका नतीजा दामों में उछाल के रुप में देखा जा रहा है. दाम मूंग, चना, उड़द, मसूर दाल के भी बढ़े हैं पर इनमें अभी गनीमत है.

अरहर की दाल में तेजी से बाकी दालों के दाम भी बढ़ने की उम्मीद

गल्ला मंडी के पदाधिकारी बताते हैं कि अगर अरहर दाल के दामों में तेजी बरकरार रहती है तो आने वाले दिनों में बाकी दालों के दाम भी बढ़ेंगे और मांग भी. फिलहाल मूंग दाल 140 रुपये किलो, चना दाल 74 रुपये, उड़द 150 रुपये और मसूर दाल 76 रुपये किलो बिक रही है. इन दालों की कीमत में 5 से 10 फीसदी तक का ही इजाफा हुआ है. मिश्रा बताते हैं कि चने की फसल अच्छी हुयी है लिहाजा इसके दाम काबू में हैं. काला चना एक महीने पहले 60 रुपये किलो बिक रहा था जो अब बढ़कर 70 रुपये पहुंचा है तो काबूली चना एक महीने पहले के 75 रुपये किलो से बढ़कर 86 रुपये में बिकने लगा है.

सरसों के तेल की कीमत में भी करीब 30 फीसद तक उछाल

थोक कारोबारियों का कहना है कि दाल से इतर सरसो के तेल में भी आग लगनी शुरु हो गयी है. बीते एक महीने में इसके दामों में 30 फीसदी तक उछाल आया है. सरसो तेल का 15 किलो का टन जो पहले 1500 रुपये में मिल रहा था वो अब 1840 रुपये में मिलने लगा है.

कोरोना काल में बड़ी संख्या में मजदूरों की वापसी बनी वजह, लोगों द्वारा अरहर की जगह धान व मक्का की बोवाई से रकबा हुआ कम

किसान नेता तेज बहादुर कहते हैं कि इस बार कोरोना के चलते गांवों में खासी तादाद में मजदूर लौटे हैं जिसके चलते साल भर की फसल अरहर की जगह लोगों ने धान व मक्का की बोआई की है. रकबा घटने से भी अरहर के दाम तेज हुए हैं और आगे भी तेज बने रहेंगे. उनका कहना है कि जब तक बाहर के आवक नहीं सुधरती है तब तक स्थानीय बाजार में दाल नहीं गलने वाली है.