कोरोना काल में दाल, सब्जी और तेल के दाम में लगी आग

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लखनऊ. कोरोना संकट के इस दौर में उत्तर प्रदेश में सब्जी, तेल और दाल की कीमत में आग लग चुकी है. कमजोर आवक के चलते इन सबके दाम बीते एक महीने में आसमान पर जा पहुंचे हैं. सबसे ज्यादा उछाल अरहर के दाम में देखा जा रहा है जो महज कुछ ही दिनों में 50 फीसदी से ज्यादा मंहगी हो गयी है. जबरदस्त बारिश के चलते खेतों में सब्जियां खराब हुयी हैं. इसका नतीजा हरी सब्जियों के दाम में आयी अप्रत्याशित तेजी के रुप में देखा जा रहा है.

दरअसल लंबी तालाबंदी और अभी भी आने जाने पर प्रतिबंध के चलते खाने पीने की चीजों की खपत बढ़ी है और खरीददार भी. इसका नतीजा रोजमर्रा की चीजों के दामों में तेजी के रुप में देखा जा रहा है. थोक गल्ला मंडी में एक महीने में ही प्रदेश में अरहर दाल के दाम 50 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं. बीते कुछ ही दिनों में सरसों के तेल में भी आग लग गयी है. सितंबर के मुकाबले सरसो तेल के दाम भी 20 फीसदी के लगभग तेज हुए हैं.

गल्ला मंडी के पदाधिकारी बताते हैं कि अगर अरहर दाल के दामों में तेजी बरकरार रहती है तो आने वाले दिनों में बाकी दालों के दाम भी बढ़ेंगे और मांग भी. फिलहाल मूंग दाल 140 रुपये किलो, चना दाल 74 रुपये, उड़द 150 रुपये और मसूर दाल 76 रुपये किलो बिक रही है. इन दालों की कीमत में 5 से 10 फीसदी तक का ही इजाफा हुआ है. मिश्रा बताते हैं कि चने की फसल अच्छी हुयी है लिहाजा इसके दाम काबू में हैं. काला चना एक महीने पहले 60 रुपये किलो बिक रहा था जो अब बढ़कर 70 रुपये पहुंचा है तो काबूली चना एक महीने पहले के 75 रुपये किलो से बढ़कर 86 रुपये में बिकने लगा है.

थोक कारोबारियों का कहना है कि दाल से इतर सरसो के तेल में भी आग लगनी शुरु हो गयी है. बीते एक महीने में इसके दामों में 30 फीसदी तक उछाल आया है. सरसो तेल का 15 किलो का टन जो पहले 1500 रुपये में मिल रहा था वो अब 1840 रुपये में मिलने लगा है.

हालांकि मंडियों में चना, मसूर और मटर दाल के दाम अभी भी आम आदमी की जेब के मुताबिक ही हैं पर घी तेल से लेकर सब्जी तक के दाम कोरोना संकट के दौर में आसमान छूने लगे हैं. राजधानी लखनऊ की पांडेगंज गल्ला मंडी में एक महीने पहले तक 85 रुपये किलो बिकने वाली फूल छाप अरहर दाल के दाम इन दिनों 135 रुपये जा पहुंचे हैं. आने वाले दिनों में इसमें और भी तेजी की संभावना है. आढ़ती आशीष कुमार बताते है कि इन दिनों अरहर दाल की खपत में भी इजाफा हुआ है जबकि आवक घटी है. भंडारों में अरहर दाल बहुत कम है और इसका नतीजा दामों में उछाल के रुप में देखा जा रहा है. दाम मूंग, चना, उड़द और मसूर दाल के भी बढ़े हैं पर इनमें अभी गनीमत है.

किसानों का कहना है कि इस बार खेती के लिए मजदूरों की कमी नहीं है जिसके चलते साल भर की फसल अरहर की जगह लोगों ने धान व मक्का की बोआई की है. रकबा घटने से भी अरहर के दाम तेज हुए हैं और आगे भी तेज बने रहेंगे.

-राजेश मिश्र.