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अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राम मंदिर का शिलान्यास किया. राम जन्मभूमि में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सरसंघचालक मोहन भागवत, राम जन्मतीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष गोपाल दास कार्यक्रम में मौजूद थे. मंदिर शिलान्यास के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह मेरे लिए बहुत ही भावुक और गौरवपूर्ण पल था.”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के बयान ‘राम सबके हैं’ पर तंज कस्ते हुए योगी ने कहा, “हमने तो कब से कहते आ रहे हैं राम सबके हैं. जो सद्बुद्धि अभी आई वह उस वक्त आनी चाहिए थी, जब यहां पर कुल लोगों के पूर्वजों ने रामलला की मूर्तियों को हटाने की कोशिश की थी. आखिर कौन लोग थे, जो अयोध्या में रामलला का मंदिर नहीं चाहते थे?”

बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले शिलान्यास की पूर्व संध्या पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने बयान जारी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि, ‘ सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं. भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने.’ प्रियंका गाँधी परिवार की पहली सदस्य है, जिन्होंने राम मंदिर पर बयान दिया है. 

कौन मंदिर नहीं बनाना चाहता था
योगी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘ कौन लोग थे वो,जो कह रहे थे कि हम गर्भगृह से 200 मीटर दूर शिलान्यास करेंगे. वहां पर कुछ नहीं होना है. विवादित ढांचे में कुछ नहीं करना है.’ 

कोरोना वायरस के वजह से सिमित को निमंत्रण
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ कोरोना वायरस के कारण और सामाजिक दुरी को ध्यान रखते हुए सिर्फ 200 लोगों को आमंत्रित किए गए थे. हम तो सभी को बुलाना चाहते थे, लेकिन सिमित संख्या में लोगों ही उपस्थित आए थे.’ 

विपक्ष द्वारा अन्य किसी नेता को निमंत्रण देने के आरोप पर योगी ने कहा, ‘ इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के अलावा अन्य कोई नही आया. ना कोई भाजपा का कार्यकर्ता, ना ही प्रदेश अध्यक्ष और ना ही प्रदेश अध्यक्ष। वह चाहते तो आ सकते थे, लेकिन सामाजिक दुरी का ख्याल  और नियम का पालन करते कोई भी इस कार्यक्रम में नही आया.