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    मेरठ. क्या कभी आपने महिला पुलिस (Police) के ही उसके महिला सहकर्मी द्वारा मानसिक उत्पीडन के बारे में सुना है। ऐसा ही कुछ वाक्य हुआ उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) में जहाँ एक पुलिस चौकी के बाहर महिला इंस्पेक्टर पर महिला थाने की ही दारोगा ने उत्पीड़न और मानसिक यातनाएं देने का गंभीर आरोप लगाया।

    दरअसल इस महिला दारोगा का आरोप है कि बीमारी के बावजूद उक्त महिला इंस्पेक्टर न तो उसे छुट्टी दे रही और उल्टा उससे अभद्रता करती है। यही नहीं उक्त चौकी के पास ही महिला दारोगा बेहोश हो गई थी, जिसके बाद उन्हें फिर चौकी पर लाया गया। इसकी सूचना मिलने पर महिला इंस्पेक्टर सादे कपड़ों में पहुंचीं और दारोगा की वीडियो बनाने लगी। इसी बात से खिन्न होकर महिला दारोगा ने अपने ही स्कार्फ से गला घोटकर सुसाइड का प्रयास किया। अब इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं।

    Courtsey- Sachin Gupta

    क्या थी घटना:  

    घटना के अनुसार महिला दारोगा अलका चौधरी यहाँ के महिला थाने में तैनात हैं। एक दिन पहले ही अलका चौधरी बिजली बंबा चौकी के बाहर चक्कर आने के कारण गिर पड़ी और वहीं बेहोश हो गईं। कुछ लोगों ने उन्हें चौकी पर पहुंचाया। यहां सूचना महिला थाने की प्रभारी संध्या वर्मा भी मौके पर पहुंच गई। इस दौरान अलका रोते हुए कह रही थी कि उनकी तबियत खराब है, लेकिन पिछले एक माह से उन्हें अवकाश नहीं दिया गया। इतना ही नहीं उसने अपने ज्येष्ठ महिला इंस्पेक्टर पर उत्पीड़न का आरोप भी लगाया।

    इतना ही नहीं उक्त महिला दारोगा का यह भी कहना था कि उसके बताने के बाद भी उसके खिलाफ रिपोर्ट भेजने की धमकी दी और उसकी ड्यूटी लगा दी गयी । इधर मौके पर पहुँच उक्त महिला इंस्पेक्टर ने  अलका चौधरी का वीडियो बनानी शुरू कर दिया। इसको लेकर उक्त दरोगा भड़क गई। यही नहीं उसने अपने गले में पड़े स्कार्फ से अपना गला दबाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इसके बाद इस पूरे मामले का  वीडियो वायरल हो गया । अब इस मामले की जांच एस।पी सिटी विनीत भटनागर कर रहे हैं।

    पहले भी इंस्पेक्टर को लेकर हुई है चर्चा :

    बताया जा रहा है कि इसके पहले भी कई मामलों में महिला इंस्पेक्टर संध्या वर्मा चर्चाओं में रही हैं। फरियादियों के लिए थाने के गेट बंद कराने से लेकर पब्लिक से अभद्रता करने की उसकी तमाम शिकायत अधिकारियों तक की गई, लेकिन कार्यवाही का कोई नाम नहीं। कई बार इनके थाने पर भ्रष्टाचार, परिवारिक मामलों में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई और धमकी देने को लेकर पुलिस अधिकारियों से पहले भी शिकायत की गई है।